फरीदाबाद: जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान वकील एल एन पाराशर ने फरीदाबाद के तहसीलदार पर स्टाम्प घोटाले का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि एक ही स्टाम्प से दो रजिस्ट्रियां की जा रही हैं और हरियाणा सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है. यह ना सिर्फ जनता के साथ धोखाधड़ी है बल्कि सरकार के साथ भी धोखा है इसलिए तहसीलदारों पर उचित धाराओं के तहत FIR दर्ज करके उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जाय.
वकील पाराशर ने कहा कि इस घोटाले के मेरे पास कई सबूत हैं। उन्होंने बताया कि शशि बाला निवासी मकान नंबर 452 सेक्टर 37 फरीदाबाद ने अपना प्लाट रमेश गोस्वामी निवासी गांधी नगर दिल्ली को बेंचा और इस खरीद फरोख्त में 3 लाख 43 हजार रूपये का स्टैंप पेपर खरीदा गया जिसका नंबर 19433484 था।
वकील पाराशर के मुताबिक़ इस स्टैंप से ये रजिस्ट्री हुई लेकिन इसके 8 महीने बाद आशीष मनचंदा निवासी विकासपुरी नई दिल्ली ने अपना प्लाट कपिल गुप्ता निवासी सफीदों जिला जींद को बेंचा। इसका स्टैंप पेपर नंबर भी 19433484 है जो आठ महीने पहले की खरीद फरोख्त का स्टैंप नंबर था।
वकील पाराशर ने कहा कि एक ही नंबर के स्टाम्प पेपर को दो तरह की खरीद फरोख्त में प्रयोग किया गया जो तहसीलदारों का एक बड़ा घोटाला है। वकील पाराशर ने कहा कि ये तहसीलदार न जाने कितनी रजिस्ट्रियां ऐसे स्टाम्प से दो-दो बार कर चुके हैं।
इस तथाकथित घोटाले के बारे में विस्तार से बताते हुए एडवोकेट पाराशर ने कहा कि जब स्टैम्प पेपर से कोई रजिस्ट्री होती है तो उस पेपर पर एक निशान लगा दिया जाता है जिसमे कभी कभी एक बड़ी लाइन खींच दी जाती है तो कभी क्रास का निशान लगाया जाता है। फरीदाबाद के तहसीलदारों ने ऊपर बताई गई रजिस्ट्री जिसके लिए 3 लाख 43 हजार रूपये का स्टैंप पेपर खरीदा गया था उस पर पहली बार कोई निशान इसलिए नहीं लगाया ताकि दूसरी बार भी वो उस स्टैम्प पेपर का प्रयोग कर सकें।
पाराशर ने कहा कि ये सब तहसीलदार और उनके स्टाफ की मिलीभगत से होता है और सब मिलकर हरियाणा सरकार को चूना लगा रहे हैं और ऐसा न जाने और किस-किस तहसील में हो रहा है इसलिए इसकी तुरंत जाँच करवाई जाए और इन तहसीलदारों के खिलाफ सरकार से धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया जाए। पाराशर ने कहा कि सरकार ने जल्द ऐक्शन न लिया तो मैं खुद इन तहसीलदारों पर एफआईआर दर्ज करवाऊंगा। उन्होंने कहा कि इन रजिस्ट्रियों में एक बड़खल और एक फरीदाबाद तहसील में हुई है। उन्होंने कहा कि ये रजिस्ट्रियां 2016-17 में हुईं थीं।
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