फरीदाबाद, 2 नवम्बर: दशहरा के दिन केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और हरियाणा के मंत्री विपुल गोयल ने एक दूसरे को उंगली क्या दिखाई उनके विरोधियों को मजे लेने का मौका मिल गया. उसके बाद जिले में कांग्रेस ख़त्म हो गयी और भाजपा में ही दो गुट बन गए. एक गुट बन गया है कृष्णपाल गुर्जर का और दूसरा गुट बन गया है विपुल गोयल का. अब छोटे मोटे मामलों में भी दोनों मंत्रियों का नाम घसीटकर उनके विरोधी मजे ले रहे हैं.
कुछ दिनों पहले सेक्टर-28 मोड़ पर कुछ छात्रों में झगडा हुआ जिसमें प्रभव भारद्वाज को पीटा गया. प्रभव को गंभीर चोटें आयीं. प्रभाव भारद्वाज एक LLB का छात्र है, उसनें बताया कि ट्यूशन जाते वक्त थोड़ी सी बहस के बाद अंकित कौशिक ने अपने साथियों के साथ उसे सेक्टर-28 मोड़ पर रोक लिया और उसको कायदे से पीटा.
प्रभव भारद्वाज की खबर मीडिया में नहीं आयी क्योंकि उसको जहाँ पर पीटा गया वहां पर ना तो CCTV लगा था और ना ही कोई रिकॉर्ड करने वाला था. प्रभाव ने इसकी शिकायत सेक्टर 19 पुलिस चौकी में दी थी, ओल्ड थाने में FIR 457 दर्ज है.
प्रभव की पिटाई पर उसके साथी नाराज थे इसलिए उन्होंने पुलिस कार्यवाही का बिना इन्तजार किये अंकित कौशिक से प्रभव की पिटाई का बदला लिया और उसे पकड़कर पीट दिया लेकिन अंकित कौशिक एक दुकान में घुस गया, वहां पर CCTV लगा था इसलिए पिटाई की वारदात कैमरे में कैद हो गयी.
इसके बाद कुछ शरारती तत्वों और विपक्षी पार्टी के नेताओं ने अंकित कौशिक को पिटवाने के आरोपी धारा चपराना को कृष्णपाल गुर्जर का ख़ास आदमी बताकर उनपर कीचड़ उछालने शुरू कर दिए जबकि हमारी जानकारी के मुताबिक़ दारा चपराना और कृष्णपाल गुर्जर का कोई भी नाता नहीं है, हाँ उनके बड़े भाई संदीप चपराना कुछ दिन पहले जरूर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हैं, लेकिन शरारती लोगों के लिए इतना ही काफी था.
हैरानी की बात ये है कि बड़े बड़े मीडिया चैनलों और अखबारों ने भी इसमें सीधा कृष्णपाल गुर्जर का नाम लपेट दिया, जबकि कृष्णपाल गुर्जर इस समय अफ्रीका के दौरे पर हैं.
खैर अब इस मामले में विपुल गोयल का नाम आ गया है. अंकित कौशिक द्वारा पीते गए युवक प्रभव भारद्वाज ने बताया कि अंकित कौशिक खुद को विपुल गोयल के बेटे जैसा बताकर पूरे इलाके में दादागिरी दिखाता है, उसे विपुल गोयल के ख़ास लोगों ने पीटा है और अब उसके नाम झूठी FIR भी लिखवा दी गयी है. देखें ये VIDEO.
अगर इस वीडियो पर यकीन करें और इसे राजनीतिक रूप दें तो इसका मतलब पहले विपुल गोयल ने अपने ख़ास अंकित कौशिक से प्रभव भारद्वाज को पिटवाया और उसके बड़ा कृष्णपाल गुर्जर ने अपने ख़ास दारा चपराना से अंकित कौशिक को पिटवा दिया लेकिन ऐसा नहीं है. यह दो छात्रों की लड़ाई है, दोनों ने एक दूसरे पर हमला किया और एक दूसरे को पिटवाया है, लेकिन इसमें दोनों मंत्रियों का नाम व्यर्थ में घसीटा जा रहा है. गौरतलब ये है कि पहले विपुल गोयल का नाम नहीं घसीटा गया जबकि अंकित कौशिक को उनका ख़ास आदमी बताया जा रहा है, इसमें पहले कृष्णपाल गुर्जर को घसीटा गया और यह काम शरारती तत्त्व या भाजपा विरोधी ही कर सकते हैं.
पिछले एक महीनें में दोनों नेताओं के बीच फूट डालने के दो मामले सामने आ चुके हैं जो इशारा कर रहा है कि कुछ चापलूस या शरारती तत्त्व दोनों नेताओं को आपस में लड़ाकर उन्हें कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं. खैर दोनों की लड़ाई में कांग्रेस और अन्य पार्टियाँ मैदान से गायब होती जा रही हैं.
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