फरीदाबाद: पत्रकारों के सामने जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एल एन पाराशर से अवैध वसूली करने वाले पाखल-धौज रिलाइंस टोल प्लाज़ा के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. कल एक आरोपी मुकम्मिल को गिरफ्तार किया गया जिसे आज सेक्टर 12 कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे 15 दिन की न्यायिक हिरासत में नीमका जेल भेज दिया गया.
इस मामले में कई अन्य आरोपी अभी फरार हैं, इस मामले में टोल प्लाजा के मैनेजर सहित कई बड़े अधिकारी भी जेल जा सकते हैं क्योंकि शिकायतकर्ता वकील एलएन पराशर का कहना है कि अवैध वसूली का खेल उनकी मर्जी से चल रहा है. आज कोर्ट में न्यायाधीश ने मैनेजर को पेश करने का आदेश दिया.
वकील पराशर का कहना है कि 3-3 रुपए करके रोजाना लाखों रुपए की वसूली होती है और यह पैसे मैनेजर सहित बड़े अधिकारी की जेल में जाते होंगे.
आपको बता दें कि पत्रकारों के सामने तीन टोल कर्मियों ने एक के बाद एक करके वकील एल एन पाराशर से अवैध वसूली की थी. वकील पाराशर का कहना है कि ये अवैध वसूली ठेकेदारों और कंपनी के उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से हो रही है.
आपकी जानकारी के लिए दिनांक 25 नवम्बर 2018 को वकील एल एन पाराशर तीन पत्रकार सामाजिक कार्य से धौज गाँव जा रहे थे जो पाखल टोल प्लाज़ा से सिर्फ एक किलोमीटर दूर है, रास्ते में पाखल टोल प्लाज़ा के एक कर्मचारी ने वकील एल एन पाराशर से तीन रुपये की अवैध वसूली की. वैसे तो आसपास जाने के लिए टोल लगना ही नहीं चाहिए लेकिन वकील पाराशर से सोहना आने जाने का टोल 37 की बजाय 40 लिया गया. देखिये फोटो -
कर्मचारी द्वारा दी गयी पर्ची की फोटो -

अवैध वसूली के बारे में पूछने पर कर्मचारी ने खुल्ले ना होने का बहाना बनाया. कर्मचारी की फोटो नीचे दी जा रही है -
इसके बाद जब वकील एल एन पाराशर थाने में शिकायत देकर वापस लौठे और टोल कर्मी से बताया कि मैंने आने जाने का टोल दे दिया है, पर्ची थाने में छोड़ दी है, कम्पुटर में गाडी का नंबर चेक कर लो, टोल कर्मी ने वकील पाराशर और पत्रकारों की बात नहीं मानी और बिना कंप्यूटर में चेक किये जबरदस्ती 25 रुपये की पर्ची और काट दी जिसे वकील एल एन पाराशर को देना भी पड़ा, देखिये फोटो -
आपको पता होगा कि आजकल सब कुछ कंप्यूटराइज्ड है, जब एक गाडी का अप-डाउन टोल काट दिया गया, बार कोड से गाडी का नंबर अपने आप स्कैन हो जाता है, कंप्यूटर में भी रिकॉर्ड आ गया होगा कि उस गाड़ी का अप-डाउन टोल वसूल लिया गया है, उसके बावजूद भी टोल-कर्मी ने पर्ची काट दी तो वकील पाराशर ने वहीं पर पुलिस बुला ली.
धौज पुलिस ने तुरंत टोल प्लाज़ा पर रिकॉर्ड और सीसीटीवी की जांच करके दो टोल कर्मियों को पूछताछ के लिए अपनी गाडी में बिठा लिया और उन्हें थाने ले गए. देखिये फोटो -
इसके बाद वकील एल एन पाराशर ने थाने में FIR दर्ज करवाने के लिए फिर से टोल प्लाज़ा से होकर धौज थाने गए तो टोल कर्मी ने खुल्ले ना होने की बात बोलकर फिर से 37 की जगह 40 वसूल लिए, नीचे वीडियो दी गयी है जिसमें अंत में टोल कर्मी के मुंह से धीमी आवाज में सुना जा सकता है - खुल्ले ना हैं. देखें वीडियो.
आपने वीडियो में देखा कि वकील पाराशर ने आने जाने का टोल दिया जो 24 घंटे तक मान्य रहना चाहिए, वकील पाराशर ने सबूत के तौर पर वह पर्ची फिर से थाने में जमा कर दी और वापसी में टोल कर्मी को बताया कि हमने पर्ची थाने में छोड़ दी है, अपने कंप्यूटर में चेक कर लो, वकील पाराशर और मेरे रिक्वेस्ट करने पर भी टोल कर्मी ने जबरन 25 रुपये की पर्ची काट दी, आप देखें ये वीडियो -
आपने वीडियो में देखा कि वकील पाराशर ने आने जाने का टोल दिया जो 24 घंटे तक मान्य रहना चाहिए, वकील पाराशर ने सबूत के तौर पर वह पर्ची फिर से थाने में जमा कर दी और वापसी में टोल कर्मी को बताया कि हमने पर्ची थाने में छोड़ दी है, अपने कंप्यूटर में चेक कर लो, वकील पाराशर और मेरे रिक्वेस्ट करने पर भी टोल कर्मी ने जबरन 25 रुपये की पर्ची काट दी, आप देखें ये वीडियो -
आप वीडियो में देख सकते हैं कि वकील पाराशर और मेरे बार बार कहने पर भी टोल कर्मी ने जबरन पर्ची काट दी, आप इस वीडियो में देख सकते हैं कि अवैध वसूली का विरोध करने पर किस तरह से टोल कर्मी अपना रौब दिखाते हैं.
वकील एल एन पाराशर की शिकायत पर जांच करने के बाद धौज पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है एक आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है. तीनों वीडियो में तीन आरोपी दिख रहे हैं जिसके जरिये वकील पाराशर से अवैध वसूली की गयी है. नीचे वाली वीडियो में टोल प्लाज़ा के कई कर्मचारियों ने अवैध वसूली का विरोध करने पर पत्रकारों पर अपना रौब दिखाया जिसके ऊपर भी कार्यवाही की मांग की गयी है.
आपने तीनों वीडियो में देखा, वकील पाराशर और हम लोगों के बार बार कहने पर कि हम लोगों ने पर्ची थाने में छोड़ी है, उसके बावजूद भी जबरन पर्ची काटी गयी और अवैध वसूली की गयी. पुलिस ने फिलहाल छल-कपट के तहत मामला दर्ज किया है लेकिन वीडियो में साफ़ साफ दिख रहा है कि दबंगई दिखाकर पैसा वसूला गया है जो Extortion है. इसमें Extortion की धारा भी बनती है क्योंकि अवैध वसूली का विरोध करने पर इनके गैंग के लोग आकर हम लोगों को घेर लिए और दबाव बनाकर पर्ची काटी और अवैध वसूली की गयी.
आपने तीनों वीडियो में देखा, वकील पाराशर और हम लोगों के बार बार कहने पर कि हम लोगों ने पर्ची थाने में छोड़ी है, उसके बावजूद भी जबरन पर्ची काटी गयी और अवैध वसूली की गयी. पुलिस ने फिलहाल छल-कपट के तहत मामला दर्ज किया है लेकिन वीडियो में साफ़ साफ दिख रहा है कि दबंगई दिखाकर पैसा वसूला गया है जो Extortion है. इसमें Extortion की धारा भी बनती है क्योंकि अवैध वसूली का विरोध करने पर इनके गैंग के लोग आकर हम लोगों को घेर लिए और दबाव बनाकर पर्ची काटी और अवैध वसूली की गयी.
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