फरीदाबाद, 4 नवम्बर: BPL फ्लैट कांड में फरीदाबाद और हरियाणा के बड़े बड़े अधिकारी फंस रहे हैं, हाईकोर्ट में इनके खिलाफ PIL डाली जा चुकी है, जनता का करोड़ों रुपये बर्बाद करने के जिम्मेदार अधिकारियों से दौड़-भाग शुरू कर दी है, अधिकारियों के बयान आने शुरू हो गए हैं. कुछ लोग अपनी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला भी झाड रहे हैं लेकिन हाईकोर्ट में इन्हें बताना ही पड़ेगा कि जनता के करोड़ों रुपये क्यों बर्बाद किये. जो फ्लैट गरीबों के लिए बनाए गए थे उसे समय से गरीबों को क्यों आवंटित नहीं किये गए. यह फ्लैट्स शहर में स्लम बस्तियों को ख़त्म करने के लिए बनाए गए थे, कुछ फ्लैट्स बापू नगर और अन्य स्थानों पर भी बनाए गए थे लेकिन हर जगह यही हाल है. इनके निर्माण पर 65 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आयी थी, ये पैसे बर्बाद हो रहे हैं.
बता दें कि डबुआ कॉलोनी में बने फ्लैट की लाइव कवरेज हमने ही की थी जिसमें हमने करीब 1800 फ्लैट्स की असली हालत दिखाई थी. हमारे साथ शहर के मशहूर वकील एल एन पाराशर भी थे, पाराशर ने ही इस मामले में हाईकोर्ट में PIL डाली है जिसके बाद अधिकारियों की नींद उड़ गयी और उन्होंने दौड़-भाग शुरू कर दी. अब कहा जा रहा है कि जल्द ही इन फ्लैट्स का मेंटीनेंस करवाकर गरीबों को आवंटित कर दिए जाएंगे लेकिन यहाँ पर सवाल ये उठ रहा है कि आप जो पैसा फिर से मेंटीनेंस में लगाएंगे उसका बोझ दोबारा जनता को ही सहना पड़ेगा. सरकार उस पैसे की भरपाई के लिए जनता पर टैक्स का बोझ लादेगी, आखिर बार बार जनता इसका बोझ क्यों सहे.
टूट चुके हैं सभी कमरों के शीशे और दरवाजे
हमने दिखाया था कि करीब 1800 फ्लैट में से 90 फ़ीसदी कमरों के शीशे और दरवाजे टूट चुके हैं और 80 परसेंट दरवाजों को चोर उखाड़कर बेच चुके हैं. अब इन दरवाजों और शीशों को लगाने के लिए फिर से पैसा खर्च करना पड़ेगा.
करीब 500 मीटर परिधि में बने इन फ्लैट्स में हर जगह यही हालत है, सभी फ्लैट्स में बने कमरों के शीशे टूटे हुए हैं, तारें चोरी कर ली गयी हैं. सरकार को करोड़ों का नुकसान हो चुका है.
वकील एल एन पाराशर भी फ्लैट्स की हालत देखकर हैरान रह गए थे. हर जगह गन्दगी का अम्बार लगा है. हर जगह सीवर का गन्दा पानी जमा हो गया है जिसमें जंगली जानवर रेंग रहे थे, हर तरफ से बदबू आ रही है.
फरीदाबाद शहर को सुअर मुक्त घोषित कर दिया गया है लेकिन यहाँ पर आपको सूअर भी रेंगते मिल जाएंगे, एक नहीं बल्कि सैकड़ों सूअर सीवर के गंदे पानी में रेंगते मिल जाएंगे.
फ्लैट्स में बने कमरों की हालत देखकर भी आप हैरान रह जाएंगे, हर तरफ गन्दगी मिलेगी, कमरों में किये गए पेंट धुल चुके हैं, संगमरमर की चमक गायब हो चुकी है, फर्श टूटने लगे हैं. अब फिर से इन चीजों में सरकार को पैसा लगाना पड़ेगा और इसका बोझ जनता पर ही पड़ेगा.
जहाँ पर पार्क होने चाहिए थे वहां पर झाड़ियाँ उग गयी हैं. यहाँ पर करीब 20 पार्क बनाने की जगह बनायी गयी है. अगर ये फ्लैट आवंटित कर दिए जाते और पार्क बना दिए जाते तो यहाँ पर गरीबों के बच्चे खेल रहे होते लेकिन ऐसा ना होने से यहाँ पर सुअर के बच्चे रेंग रहे हैं.
यहाँ पर ऐसी ऐसी झाड़ियाँ उग आयी हैं जो आपको घायल कर सकती हैं. पूरी तरह से जंगल का अहसास होता है यहाँ पर आकर. पिछले कई वर्षों से यहाँ पर ऐसी ही हालत है.
इन सभी फ्लैट्स में बिजली की वायरिंग भी की गयी थी लेकिन चोर अधिकतर तारों को चोरी करके ले गए. अब सरकार को फिर से वायरिंग करानी पड़ेगी.
यहाँ पर आदमी भले नहीं रहते लेकिन कूड़ा जरूर दिखेगा, वहां रहने वाले स्थानीय लोग यहाँ पर कूड़ा फेंककर चले जाते हैं. फोटो में आप कूड़े का ढेर देख रहे होंगे.
आप लोग नीचे फोटो में देख सकते हैं कि किस तरह से लोग इस स्थान को कूड़ा फेंकने के लिए इस्तेमाल करते हैं. एक व्यक्ति हमारे कैमरे में भी कैद हो गया है.
आपने पूरे आर्टिकल में पढ़ा कि किस तरह से स्थानीय नेताओं, हरियाणा सरकार और उनके अधिकारियों ने गरीबों के लिए बने करोड़ों रुपये के फ्लैट्स को नरक जैसा बना रखा है, इसीलिए हरियाणा सरकार सहित आठ विभागों को पार्टी बनाकर हाईकोर्ट में PIL डाली गयी है.
जानकारी के अनुसार डबुआ कॉलोनी में 10 एकड़ जमीन पर चार मंजिला 1800 फ्लैट्स बनाए गए हैं, हर फ्लैट 36 वर्ग गज का है, इनमें एक बड़ा हॉल, एक बेडरूम, एक किचन और एक बाथरूम बनाये गए हैं. डबुआ कॉलोनी में करीब 200 फ्लैटों को आवंटित किया गया है जबकि 1600 फ्लैट्स अभी खाली पड़े हैं. यहाँ पर असामाजिक और आपराधिक तत्त्व आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं, कई मर्डर हो चुके हैं. यहाँ पर हमेशा गंजेड़ी, भंगेड़ी और नशेडी घूमते रहते हैं.
हमने LIVE दिखाया था यहाँ का हाल, देखें VIDEO
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