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इन्द्रा एनक्लैव में केपी गुर्जर ने दिया 2 ट्यूबवेल लगाने का पैसा, विधायिका ने डाला रोड़ा

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फरीदाबाद, 14 अप्रैल। आर0डब्लयू0ए0 इन्द्रा इंकलेव सैक्टर 21डी फरीदाबाद की ओर से एक प्रैस विज्ञप्ति जारी की गई। जिसके अंतर्गत यह बताया गया कि वर्ष 2017-2018, D-प्लान, सांसद निधि फरीदाबाद के द्वारा दो टयूबवैल 7,50,000 रुपये प्रति टयूबवैल की स्वीकृति प्रदान की गई थी। यह कार्य अतिरिक्त उपायुक्त फरीदाबाद एवं मुख्य योजना अधिकारी फरीदाबाद द्वारा कार्यान्वित किया जाना था। इन टयूबवलों का निर्माण जिन जगहों पर चिन्हित किया गया था वह जगह प्लाट नं0 109 सैक्टर 21डी फरीदाबाद एवं ग्रीन बैल्ट नजदीक मकान नं0 154-155 सैक्टर-ं21डी फरीदाबाद ।

यह चिन्हित क्षेत्र जनसंख्या के आधार पर टयूबवैल स्थापना के लिए चिन्हित किये गये थे। अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय द्वारा नगर निगम फरीदाबाद को उपरोक्त टयूबवैलों की स्थापना हेतु कार्यान्वित ऐजेन्सी बनाया गया था। परन्तु लम्बे समय के अंतराल तक नगर निगम ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की। तदोपरान्त इन्द्रा इंकलेव निवासियों के अनुरोध पर माननीय सांसद द्वारा यह कार्य अतिरिक्त उपायुक्त निर्माण केन्द्र फरीदाबाद की अध्यक्षता में कराने के आदेश दिये। जिसके उपरान्त अतिरिक्त उपायुक्त ने नगर निगम से वस्तु स्थिति को जानने के लिए पत्र लिखा एंव साईट हेतु अनापति प्रमाण पत्र नगर निगम से मांगा। 

नगर निगम ने पूर्ण रूप से दोनों साईटों को देख कर अनापति प्रमाण पत्र जारी कर दिया जो कि अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय द्वारा प्राप्त कर लिया परन्तु तभी साथ-साथ नगर निगम ने उपरोक्त टयूबवैल हेतु टैन्डर राजनीतिक दबाव में बिना अधिकार होते हुए भी टैन्डर काॅल आउट कर दिया। जबकि उन्होने ही ए0डी0सी0 कार्यालय को अनापति प्रमाण पत्र दिया था। यह टैन्डर मैसर्स मेघा इन्टरप्राईजेज मकान नं0 के-602, पार्क ग्रैन्डयूरा सैक्टर 82 बीपीटीपी फरीदाबाद के नाम से जारी कर दिया। परन्तु वर्क आर्डर जारी करते समय एक्सइएन नगर निगम कर्दम ने वर्क आर्डर क्रं एम0सी0एफ/ई/ई-2/2018/23 दिनांक 13-2-2018 में विषय में दोनों टयूबवैलों की साईट में हेरा फेरी कर दी और ग्रीन बैल्ट दर्शा दिया। जबकि यह साईट की स्वीकृति राज्य सरकार के आयुक्त एवं सचिव, पंचायत एंव विकास विभाग द्वारा दी जाती है और किसी प्रकार का बदलाव केवल सरकार के अधिकार क्षेत्र की बात होती है। परन्तु शुरू से ही नगर निगम इस टयूबवैल हेतु हेरा फेरी करता रहा। जब इस टयूबवैल का निर्माण साईट नजदीक मकान नं0 154 -155 के पास होना शुरू हुआ तो उससे पहले ठेकेदार, जे0ई0 एवं पार्षद द्वारा निरिक्षण किया गया और पार्षद द्वारा यह दबाव बनाया गया कि सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हुए 15 घरों के उपर जो कि उनके चहेते थे और गुण्डा तत्व के व्यक्ति थे तथा उनमें एक नगर निगम का ठेकेदार भी है के घर के सामने टयूबवैल शिफट किया जाये। परन्तु सारे कागजात देखने के उपरान्त जे0ई0 ने टयूबवैल स्वीकृत साईट पर ही लगाना उचित माना। 

जिस पर पार्षद एवं विधायिका बडखल के दबाव में कुछ गुण्डा तत्व साईट पर खड़े कर दिये गये और टयूबवैल ना लगाने का अडंगा लगाने लगे और ऐसी जगह टयूबवैल शिफट कराने की मांग करने लगे जिस जमीन का मामला माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पास विचाराधीन है। इसके साथ-2 पार्षद एवं विधायिका द्वारा सै-21डी के लोगों को भी भड़काया गया और उनसे इस विषय में आर0डब्लयू0ए0 सैक्टर 21डी को भड़का कर आपति दर्ज करा दी जबकि यहां पर यह भी बताना उचित होगा कि आर0डब्लयू0ए0 21 डी का भी ग्रीन बैल्ट में लगा हुआ है और ग्रीन बैल्ट पर सबका समान अधिकार है और जहाँ टयूबवैल लगना है वह किसी भी मलकियत नहीं है और सरकारी जमीन है। जंहा से पाईप लाईन के माध्यम से पानी अंदर कालोनी में जाना था जहाँ पर कालोनी की सबसे ज्यादा पानी की जरूरत है और ज्यादा जनसंख्या है। 

इस के उपरान्त एस0डी0ओ0 पदम भूषण ने क्षेत्र का निरिक्षण किया और आदेश दिये कि पहले प्लाट नं0 109 पर टयूबवैल लगा दिया जाये और उसके उपरान्त ग्रीन बैल्ट में लगाया जायेगा और जब प्लाट नं0 109 पर टयूबवैल लग रहा था तो टयूबवैल जब 400 फुट बोर हो चुका था तभी प्लाट नं0 108 से एक व्यक्ति निकल कर आया और बोला कि यहां पर बोर नहीं होगा अब बोर को बंद करें अन्यथा अभी नगर निगम के अधिकारी इसे बंद कर देंगें और कुछ दूरी पर जा कर टेलीफोन करने लगा और थोड़ी देर बाद ही ठेेकेदार का फोन आया कि बोर बंद कर दिया जाये और बोर बंद कर दिया गया। बाद में ठेेकेदार ने बताया कि यह मकान आनन्द मोहन शरण जी के संबंधित व्यक्ति का है और उन्ही की फोन आया है कि बोर को बंद करवा दिया जाये और एस0ई0 रमेश बंसल और एक्सई0एन कर्दम साईट पर बोर बंद करवाने आ गये। 

उन्होने कहा कि यह बोर तो किसी के गेट के सामने लग रहा है तो उन्हे चेयरमैन आर0डब्लयू0ए0 विपिन समस्तम्ब ने बताया कि यह प्लाट नं0 109 है और वह प्लाट 108 है और वो कोर्नर प्लाट नहीं है और 109 नं0 प्लाट जनता के आने जाने के लिए हाई कोर्ट में केस नं0 सी0डब्लयू0पी0 8417/2004 के तहत आर0डब्लयू0ए0 इन्द्रा इंकलेव बनाम राज्य सरकार में हुडडा द्वारा अन्डरटेकिंग दी गई है कि यह प्लाट खाली रखा जायेगा और कालोनी के प्रयोग में रहेगा। यह बात नगर निगम अधिकारियों ने जगह चिन्हित करते हुए देख ली थी और उन्ही के आदेश पर टयूबवैल का बोर हुआ। परन्तु अपने उच्च अधिकारी, विधायिका एवं लोकल पार्षद के कहने पर नगर निगम अधिकारी या तो साईट बदलने के लिए प्रयासरत थे या बोर को बंद करवाना चाहते थे ।

ठेकेदार ने अपने आडियों में यह माना कि एस0ई0, एक्सईएन ने उसके खर्चे जो कि बोर पर लगा है जिसका अनुमान 5 लाख रू0 है अपने उच्च अधिकारी को खुश करने के लिए अपनी जेब से देने के लिए कहा। जो कि एक पब्लिक नौकर द्वारा प्रीवैन्शन आॅफ क्रप्शन एक्ट के तहत आता है और इस के बारें में इंद्रा इंकलेव वासियों ने मुख्यमंत्री, सी0एम0विन्डो, मुख्य सचिव, महानिदेशक आॅफ पुलिस को शिकायत पत्र विरूद्ध आनन्द मोहन शरण, सीमा त्रिखा, एस0ई0 रमेश बंसल एवं कर्दम और पार्षद के विरूद्ध दे दिया गया और इस पर कार्यवाही वांछित है। अभी तक टयूबवैल का निर्माण नहीं किया गया है और राजनीति हावी है। विधायिका को यह समस्या है कि उन्ही की पार्टी के एम0पी0 ने उनके क्षेत्र में पानी की स्वीकृति क्यों दे दी और पार्षद और विधायिका को गुण्डा तत्व को प्रोत्साहन कर रहे हैं और साईट अनाधिकृत तरीके से बदलाव करना चाहते हैं और आनन्द मोहन शरण अपने पद का दुरूपयोग करके अपने मातहत अधिकारियों के साथ मिल कर भ्रष्टाचार फैला रहे हैं।

इंद्रा कॉलोनी के निवासी मामले जाँच चाहते हैं और ट्यूबवेल को मंजूरी वाली जगह पर ही लगवाना चाहते हैं ताकि सभी कॉलोनी वासियों को समान रूप से पानी मिल सके.
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