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भाई महेश नागर की वजह से खूब मशहूर हो रहे हैं ललित नागर, पढ़ें

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फरीदाबाद 23 दिसंबर: आजकल घोटालेबाज नेता बहुत पॉपुलर हो रहे हैं, चारा घोटाले से लालू यादव बहुत पॉपुलर हुए और उसके बाद वह पांच साल तक भारत के रेल मंत्री भी रहे लेकिन आज वह अपनी असली जगह जेल में पहुँच गए.

लालू की तरह रॉबर्ट वाड्रा भी चमत्कारिक लैंड डील करके खूब मशहूर हो गए, उन्होने रातों रात अपनी संपत्ति कई गुना बढ़ा ली, तीन चार लाख से उन्होंने काम शुरू किया और देखते ही देखते 300 करोड़ रुपये बना लिए. अब पता चल रहा है कि यह चमत्कारिक लैंड डील रॉबर्ट वाड्रा नहीं बल्कि महेश नागर करते थे, मतलब नाम रॉबर्ट वाड्रा का और दिमाग महेश नागर का.

अब लोग पता करने में जुटे हैं आखिर ये महेश नागर कौन है तो पता चल रहा है कि महेश नागर फरीदाबाद तिगांव के कांग्रेस विधायक ललित नागर के भाई हैं. ललित नागर साफ़ छवि के नेता माने जाते हैं, अभी तक उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है लेकिन भाई का चमत्कार देखकर लोग कह रहे हैं कि कुछ फायदा इन्हें भी जरूर पहुँच होगा.

कुछ लोग तो यह भी बता रहे हैं कि महेश नागर की तिगांव विधानसभा और ग्रेटर फरीदाबाद में अकूत संपत्ति है और वह ललित नागर का भी कामकाज देखते हैं. कुल मिलाकर कहें तो महेश नागर की वजह से ललित नागर का पूरे देश में नाम हो रहा है. ललित नागर फरीदाबाद में बीजेपी नेताओं के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं लेकिन अगर उनके खिलाफ कुछ पाया गया तो उनके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महेश नागर के ड्राईवर अशोक कुमार और जयप्रकाश को ED ने गिरफ्तार कर लिया है और जल्द ही महेश नागर पर हाथ डाला जा सकता है, महेश नागर के बाद रॉबर्ट वाड्रा का नम्बर आएगा और हो सकता है कि ललित नागर पर भी कुछ छींटें पड़ें.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अशोक कुमार जो महेश नागर के ड्राईवर हैं, उन्होंने राजस्थान के बीकानेर में राबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट को जमीन बेची थी। ये जमीन साल 2008 में वाड्रा की कंपनी ने 79 लाख रुपए में खरीदी थी. बाद में साल 2010 में इस जमीन को 5.44 करोड़ में बेच दिया गया. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर राजस्थान के बीकानेर में जमीन खरीदकर भारी मुनाफा कमाने का आरोप लगा था। वाड्रा की तरफ से जमीन खरीदने की अथॉरिटी नागर के पास थी। अशोक कुमार औऱ महेश नागर एक ही गांव के रहने वाले हैं। अब यह नहीं पता चल पा रहा है कि बीकानेर में अशोक कुमार के नाम पर जमीन कैसे ट्रान्सफर हुई और उसके बाद उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा को जमीन क्यों बेचीं, जब वह रॉबर्ट वाड्रा को करोड़ों रुपये में जमीन बेच सकते हैं तो उन्हें महेश नागर के यहाँ ड्राईवर की नौकरी करने की क्या जरूरत है, वह खुद दो चार ड्राईवर रख सकते हैं. यह सब देखने पर ही पता चलता है कि मामला गड़बड़ है और इन लोगों के बुरे दिन आने वाले हैं.
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