फरीदाबाद, 13 नवम्बर: सैनिक कालोनी सोसायटी की महिला डायरेक्टर के साथ बदसलूकी व अभद्र व्यवहार करने के आरोप में थाना एसजीएम नगर पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सैनिक कालोनी सोसायटी की महिला डायरेक्टर पूनम आहूजा ने पुलिस में शिकायत दी कि सोसायटी द्वारा अवैध निर्माणों के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की हुई है, जिसके चलते क्षेत्र में अवैध निर्माणों को धराशायी किया जा रहा है।
स्थानीय निवासी अनिल अरोड़ा कुछ लोगों से सांठगांठ करके अवैध इमारतें बनाता है, जिसके चलते सोसायटी की इस याचिका से उसकी कई अवैध इमारतों को प्रशासन द्वारा तोड़ दिया गया, जिससे तैश में आकर वह सोसायाटी कार्यालय पहुंचा और वहां उसने न केवल उनके साथ छेडख़ानी की बल्कि अभद्र व्यवहार करते हुए जान से मारने की धमकी देकर भाग गया। इस बाबत उन्होंने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस ने इस संबंध में अनिल अरोड़ा के खिलाफ धारा 354A, 506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है। उधर शिकायकर्ता के अधिवक्ता राजेंद्र सिंह पालीवाल का कहना है कि नामजद अनिल अरोड़ा के खिलाफ पहले से ही दो धोखाधड़ी सहित डीसी निवास के बाहर आत्महत्या का प्रयास किए जाने का मामला दर्ज है परंतु अभी तक इन मामलों में भी उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि थाना सैंट्रल में अनिल अरोड़ा के खिलाफ 2017 को एफआईआर नंबर 1178 के तहत 109, 147, 149, 353 व 309 धारा के तहत मामला दर्ज है वहीं थाना एसजीएम नगर में एफआईआर नंबर 429 धारा 420, 188 एवं थाना एसजीएम नगर में ही 18 अप्रैल, 2010 को एफआईआर नंबर 368 धारा 420, 467, 468 के तहत दर्ज है।
पालीवाल के अनुसार सैनिक कालोनी सोसायटी ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अवैध निर्माणों के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की हुई है, उसी याचिका को वापिस लेने के लिए अनिल अरोड़ा डायरेक्टरों पर दबाव बनाता है और इसी मुद्दे को लेकर उसने महिला डायरेक्टर पूनम आहूजा के साथ छेडख़ानी, अभद्र व्यवहार व जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने बताया कि अनिल अरोड़ा ने अपने कुछ समर्थकों के साथ मिलकर सीएम विंडो में सोसायटी के लाईसेंस को रद्द करवाने सहित सोसायटी पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाकर शिकायत डाली थी
जिसकी जांच में सोसायटी को पाक साफ माना गया और उनका लाईसेंस बरकरार है अन्य कागजी कार्यवाही में भी सोसायटी पर लगे आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद पाए गए और सीएम विंडो ने उसकी आरटीआई को ही कैंसिल कर दिया। वहीं उसने डायरेक्टर जनरल के पास भी एक शिकायत भेजी थी, जिस पर सोसायटी के डायरेक्टरों ने सोसायटी को नगर निगम के हैडओवर करने पर सहमति जता दी। उन्होंने कहा कि वह क्षेत्रवासियों के हित में जो सर्वमान्य रहेगा, उसके लिए हर तरह से तत्पर है। अधिवक्ता राजेंद्र सिंह पालीवाल ने बताया कि अनिल अरोड़ा का आपराधिक रिकार्ड है इसलिए इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उसके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए।
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