इस मामले में आठ आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नीमका जेल भेजा गया था। गौरतलब है कि 19 अक्तूबर दिवाली की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे श्यामलाल के पुत्र मनोज, गुल्लू, रघुवीर, बॉबी, आदि हैवी बम जला रहे थे। जिससे क्षेत्र के लोग परेशानी महसूस कर रहे थे। इस संदर्भ में पत्रकार बिजेंद्र शर्मा ने पुलिस को सूचित किया था तथा पुलिस के सूचना देने के बावजूद न आने पर उनकी पत्नी रीना शर्मा ने बम चला रहे लोगों से बम न चलाने की गुजारिश की, किंतु इन लोगों ने सर्वाेच्च न्यायालय के आदेशों के अलावा आम आदमी की परेशानी को नजर अंदाज करते हुए रीना शर्मा केे साथ दुर्व्यवहार किया।
इन लोगों द्वारा पत्नी रीना शर्मा के साथ दुर्व्यवहार किए जाने के बाद पत्रकार बिजेंद्र शर्मा भी आ गए तथा उन्होंने पुलिस को फिर से इस संदर्भ में सूचना दी। जब वह अपने घर वापस चले गए तो लाठी-डंडों तलवार से लैस श्यामलाल, मनोज, जगवीर, खुशीराम उर्फ गुल्लू, बॉबी, श्यामलाल ने घर में घुस कर हमला बोल दिया।
इनके बाद कैलाश, राम प्रकाश आदि ने भी इन पर हमला बोल दिया। इस हमले में पुत्र बिजेंद्र शर्मा को पसली में मल्टीपल फ्रैक्चर और बाएं हाथ में फ्रैक्चर के अलावा सिर में गंभीर चोटें आई थीं। हमलावरों ने पत्रकार की पत्नी रीना शर्मा के साथ न सिर्फ छेडख़ानी की बल्कि उनके कपड़े भी फाड़ डाले और सोने के जेवरात छीन ले गए।
इस संदर्भ में थाना सारन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 147,148, 232, 506, 354 और 379 धाराओं में केस दर्ज किया था। सभी आरोपियों को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने किया जहां से इन्हे14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया अब देखना ये होगा की सर्वोच्च न्यायलय के फैसले को फर्जी बताने वाले और लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ न्यायाधीश क्या फैसला लेते हैं।
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