Faridabad 2 September: शहर के कई थानों के थाना प्रभारी थानों में कई कई महीने डटे रहते हैं कुछ अधिकारी सालों तक भी रहते हैं, लेकिन कुछ अधिकारी बहुत जल्द इधर उधर कर दिए जाते हैं। हाल में हरियाणा सरकार ने कई थानेदारों के तबादले किये थे। जिसमे थाना सेक्टर 55 के SHO वरुण कुमार जो काफी दिन तक उस थाने में कार्यरत थे। लेकिन उनका भी तबादला हो गया और नवीन कुमार SHO के रूप में आये लेकिन दो हफ्ते भी नहीं रुक सके और उनका तबादला हो गया है।
तबादले के कारण की ये खबर हो सकती है की आये दिन शहर में पुलिस का गुणगान किया जाता रहता है इसका कारण है कि कुछ पुलिस अधिकारी अपना फर्ज बाखूबी निभाते हैं। प्रदेश के डीजीपी केपी सिंह और फरीदाबाद के पुलिस कमिशनर डाक्टर हनीफ कुरैशी कई अलग अलग बैठकों में बोल चुके हैं कि पुलिस को व्यवहारिक भी होना चाहिए और जनता के प्रति अपने कर्तव्य को समझना चाहिए।
थाना सेक्टर 55 के इंस्पेक्टर वरुण कुमार के तबादले के बाद चंद दिनों में ही वर्तमान थाना प्रभारी SHO नवीन कुमार के कामकाज पर प्रश्नचिन्ह लगाया जा रहा है और आज नवीन कुमार के खिलाफ राजीव कालोनी के सैकड़ो लोग पुलिस कमिश्नर डाक्टर हनीफ कुरैशी से मिले।
लोगों ने डाक्टर कुरेशी से शिकायत की कि SHO नवीन कुमार एक पुराने मामले में दो युवकों से झूंठी रिकवरी दिखा उन्हें जेल भिजवा दिया। लोगों ने बताया कि इस मामले में दोनों पक्षों का समाज के बीच बैठ सुलह हो गयी थी लेकिन नवीन कुमार ने पंचायत का फैसला नहीं माना और थाने बुला उनकी सबके सामने पिटाई की गयी फिर उन्हें जेल भेज दिया गया।
हनीफ कुरैशी को दी गयी शिकायत में कहा गया है कि राजकुमार पुत्र राजपाल निवासी राजीव कालोनी ने एक मामला मोहित पुत्र शम्भू, जीतेन्द्र पुत्र अशोक निवासी राजीव कालोनी के खिलाफ थाना सेक्टर में दर्ज करवाया था। थाना प्रभारी ने मौके पर जांच की तो मामला फर्जी पाया गया। दोनों पक्षों में समझौता भी हुआ लेकिन थाना प्रभारी ने इसे नहीं माना और कार्यवाही की और झूंठी रिकवरी दिखा दोनों युवकों को जेल भेज दिया।
CP से निलने गए युवा भाजपा नेता मुकेश डागर ने उन्हें बताया कि थाना प्रभारी किसी तानाशाह की तरह बर्ताव कर रहे हैं जो पूरी तरह अनुचित है। मुकेश डागर ने सी पी से मांग की कि मामले की जांच करवा थाना प्रभारी के खिलाफ कार्यवाही की जाए।
पुलिस कमिश्नर ने इस मामले को ध्यान से सुना और एसीपी मुजेशर को फोन कर कहा कि मामले की जांच की जाए और अगर थाने का कोई भी पुलिस अधिकारी इस मामले में गड़बड़ पाया जाता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाए। अगर वो दोनों युवक निर्दोष हैं तो उन्हें जल्द जेल से रिहा करवाया जाए।
इस मामले को नगर निगम चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दो माह बाद नगर निगम चुनाव हैं, मुकेश डागर वार्ड एक से तैयारी कर रहे हैं और इस मामले के दौरान उनके विपक्षी उम्मीदवार हमेशा थाने में ही नजर आये। मुकेश डागर का कहना है कि मामला काफी पुराना है और अब उछाला गया इससे साबित होता है कि उनके विपक्षी गड़े मुर्दे उखाड़ उनके समर्थकों को परेशान करना कर रहे हैं।
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