फरीदाबाद, 19 अगस्त। फरीदाबाद में एक गैंगरेप पीडिया से शहर की महिला पुलिस ने ही महान्याय किया है, आरोप के अनुसार महिला पुलिस ने पीडिता को न्याय दिलाने के बजाय आरोपियों के ही बचाव में लग गयी जिसकी वजह से पीडिता पिछले चार महीनों से दर दर की ठोकरें खा रही है लेकिन अभी तक उसे इन्साफ नहीं मिला है।
कानून की रक्षा करने वाली पुलिस ही कानून से कैसा खिलवाड़ करती है फरीदाबाद महिला पुलिस इसका जीता जागता सबूत है, चार माह बीत जाने के बाद जब यह मामला मीडिया ने उठाया तो आनन फानन में एफआईआर दर्ज करने की रस्म अदायगी की गई। पीडिता ने कहा कि महिला पुलिस थाना आरोपियों से मिली हुई है जिन्हें बचाने के लिए मेरे अनपढ़ होने का फायदा उठाते हुए मेरे आधे अधूरे बयान दर्ज किए। अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नही हो पाई है।
गैंग रेप पीडिता ने पुलिस आयुक्त डॉक्टर हनीफ कुरैशी को दी गई शिकायत को ही अपना असली बयान बताया। लेकिन महिला पुलिस ने कहा कि इसमें एएसआई माया रानी पर भी आरोप है इसलिए दी हुई शिकायत की सभी घटनाओं को हम दर्ज कर देते हैं लेकिन साजिश के तहत ऐसा नही किया। पुलिस कर्मियों ने स्वयं एक नई शिकायत लिखी और उसपर पीडिता के आधी अधूरी बाते लिखकर उस पर साईन करा लिए।
महिला पुलिस ने पीडिता के मेडिकल के नाम पर महज खानापूर्ति की, पीडिता ने बताया कि मेडिकल के दौरान अस्पताल में ही आरोपी रामपाल, तन्नू और उनके दो अन्य साथी वहां मौजूद थे। मेरा इन्होंने मेडिकल नही होने दिया। पीडिता ने कहा कि तन्नू और ऋतु शर्मा के सहयोग से ही मेरे साथ गैंग रेप की वारदात हुई उन्ही दोनो को आरोपी नही बनाया। पीडिता को अभी भी आरोपी जान से मारने की धमकी देते हैं।


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