Faridabad, 20 July: फरीदाबाद के सिद्धदाता आश्रम मंदिर में बुधवार को गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं का तांता लग गया, सुबह चार बजे से ही बाबा जी के दर्शन और उनके आशीर्वाद के लिए भक्तों की लम्बी लाइन लग गयी, लोगों ने लाइन में लगकर बाबी के दर्शन किये और उनके आशीर्वाद लिए।
इस अवसर पर भजन कीर्तन भी चलता रहा और कई श्रधालुओं ने मस्ती में सराबोर होकर डांस भी किया, मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था का भी पुख्ता इंतजाम किया गया, आश्रम के हजारों सेवक व्यवस्थाओं को अंजाम देने में लगे रहे।
इस अवसर पर अनन्त श्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने दत्तात्रेय भगवान का उदाहरण देकर कहा कि उन्होंने अपने जीवन में 24 गुरु धारण किए, जिनमें धरती, आकाश, जल, अग्रि और पतिंगे भी शामिल थे। लेकिन यह सभी शिक्षक हैं जो शिक्षा देते हैं, सदगुरु नहीं हैं। सदगुरु केवल एक होता है। वह अध्यात्म की राह पर शिष्य को चलाते हुए भगवान से मिलन करवाता है। उन्होंने अनेक उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि जीवन को सदगुरु कैसे संवारते हैं।
उन्होंने कहा कि इस धरती पर आने के बाद भगवान राम और श्रीकृष्ण को भी गुरु बनाने पड़े। जहां श्रीराम ने अपने गुरु विश्वामित्र के यज्ञ की असुरों से रक्षा की वहीं श्रीकृष्ण ने अपने गुरु संदीपनी के मृत पुत्र को भी जीवित कर गुरु दक्षिणा दी। श्री गुरु महाराज ने कहा कि जिस प्रकार गुरु अपने शिष्य के कष्टों को सहन करता है, उसी प्रकार शिष्यों को भी अपने गुरु के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए।
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