फरीदाबाद। समय अब बदल रहा है। महिलाएं रूढ़ीवादी परंपराओं को तोड़कर नये जमाने के साथ कदमताल करना चाहती है। स्वरोजगार से धीरे-धीरे आत्मनिर्भर हो रहीं महिलाएं हर चुनौती को लांघ जाने को तैयार हैं। सोमवार को ऐसी बानगी गढ़खेड़ा गाँव में देखने को मिली। जहां सैंकड़ों महिलाओं ने हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तत्वावधान में आयोजित शक्ति चौपाल पर मुख्य अतिथि अतिरिक्त उपायुक्त अपराजिता से सीधा संवाद किया और महिला चौपाल की फीता काटकर शुरुआत की। इस मौके पर महिलाओं ने अपनी व्यक्तिगत परेशानी से लेकर समाज परिवर्तन पर चिंता जताई। गाँव फतेहपुर बिल्लौच की समूह सदस्य ललिता ने बताया कि उसे तीन साल पहले मिशन के कार्यों से जुड़ी थी।
विभागीय सहयोग मिलने से आज वह खिलौना बनाती है। आजीविकावर्धन होने से उसने अपनी बेटी को उच्च शिक्षा देने में कामयाब रही। इसी तरह साहुपुरा गाँव की समूह सखी राधा ने बताया कि दृढ़विश्वास से जीवन में हर मुकाम पाया जा सकता है। उसे आजीविका मिशन से जुड़ एक ऑटो किराए पर खरीदा है। दरअसल, शक्ति चौपाल मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद के निर्देशानुसार आयोजित किया गया। जिसका थीम ग्रामीण विकास में महिला समूहों की आवश्यकता एवं भूमिका थी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त अपराजिता ने कहा कि महिला शक्ति का रूप है। उसे कभी स्वयं को कमजोर नहीं समझना चाहिए। महिलाएं अपनी पंसद के प्रशिक्षण व आजीविका का चुनाव करके बड़े बदलाव ला सकती है। अमृता हाॅस्पिटल से आए रवि कलांतरे ने महिलाओं को आजीविका संबंधित अवसरों से अवगत कराया। कार्यक्रम को मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक मुकेश वशिष्ठ ने हरियाणा सरकार की महिला हितैषी स्कीम पर प्रकाश डाला। इस मौके पर एचएसआरएलएम के जिला कार्यक्रम अधिकारी शिवम तिवारी, रेश्मा, ललिता, कृष्णा, दर्शन, सरला सहित सैंकड़ों महिलाएं मौजूद थी।
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