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फरीदाबाद में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने वालों पर की जाएगी कार्यवाही, CP ने दिए निर्देश

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फरीदाबाद- 8 जून,  पुलिस आयुक्त ने अपने कार्यालय में मीटिंग के दौरान सभी डीसीपी, एसीपी और सभी थाना प्रबंधक को सार्वजनिक स्थान पर धुम्रपान करने वालो के खिलाफ कोटपा एक्ट 2003 की अधिनियम की धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही के दिशा निर्देश दिए है। जिसमें सार्वजनिक स्थान अस्पताल भवन, स्वास्थ्य संस्थान, मनोरंजन केंद्र, रेस्तरां, होटल, सरकारी कार्यालय, न्यायालय भवन, शैक्षिक संस्थान, पुस्तकालय, सार्वजनिक वाहन, स्टेडियम, रेलवे स्टेडियम, बस स्टाॅप, कार्यस्थल, शाॅपिंग माॅल, सिनेमा हाॅल, जलपान कक्ष, पब, बार, हवाई अडडा के लांउज इत्यादि।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि तबांकू का सार्वजनिक स्थान पर प्रयोग करने पर व्यक्ति समाज में नकारात्मकता को बढ़ावा देते हैं। लोगों को भी गलत धंधों में भागीदार बना लेते हैं जिसकी वजह से समाज में अपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है इसलिए धुम्रपान निषेध के नियमों की अवमानना करने वालों के अधिक चालान काटे जाएं।किशोरावस्था में नौजवान युवक शौकिया तौर पर नशा करना शुरू करते हैं परंतु धीरे-धीरे उन्हें इसकी लत पड़ जाती है जिसके पश्चात इसे छोड़ पाना उनके लिए बहुत मुश्किल कार्य हो जाता है। नशा इंसान के स्वास्थ्य के ऊपर बहुत बुरा प्रभाव डालता है जिसकी वजह से उन्हें गंभीर बीमारियां जकड़ लेती हैं और इंसान को अंदर से खोखला कर देती हैं। 

स्वास्थ्य के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी व्यक्ति पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। जैसे-जैसे मनुष्य इसका आदी होता जाता है उसकी नशे की डोज भी बढ़ती जाती है। कुछ समय तक तो व्यक्ति इधर उधर से पैसे लेकर नशा खरीद लेता है परंतु जब उसे हर तरफ से पैसे मिलने बंद हो जाते हैं तो वह चोरी या लूट की वारदातों को अंजाम देना शुरू कर देता है जो उसे अपराध की दुनिया में धकेल देता है। अपराध का यह दलदल उसे लगातार अपनी तरफ खींचता जाता है जिसकी वजह से व्यक्ति चोरी या लूट से होते हुए अपहरण, फिरौती तथा हत्या की वारदातों में भी संलिप्त हो जाता है। धीरे-धीरे करते करके वह अपने परिवार तथा समाज की नजरों में गिरता चला जाता है और फिर कानून के हाथ उसके गिरेबान तक पहुंच जाते हैं जिसके पश्चात उसे जेल के पिंजरे में कैद होना पड़ता है। जब तक इंसान को नशे द्वारा हुए नुकसान के बारे में एहसास होता है तब तक वह अपना सब कुछ गंवा चुका होता है और अंत में पछताने के अलावा उसके हाथ कुछ नहीं लगता। अतः नौजवान पीढ़ी को नशे के इस चंगुल से बचना चाहिए और अपने साथियों को भी इससे बचाने में उनकी मदद करनी चाहिए। 

सार्वजनिक स्थान पर धुम्रपान करने वालो के खिलाफ कोटपा एक्ट धारा के तहत 200 रु जुर्माना की सजा दी जाएगी।  जो कोई सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट या तंबाकू का उत्पाद करता है कि उसको कोटपा एक्ट की धारा 5 के तहत प्रथम अपराध में 1000 रुपये में जुर्माना, 2 वर्ष की सजा या दोनों की सजा यदि दोबारा अपराध करता है तो 5000 रुपये जुर्माना व 5 वर्ष के कारावास की सजा या दोनों की सजा दी जाएगी। जो कोई जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम है तंबाकू के उत्पादो की बिक्री सार्वजनिक स्थान पर अनुमति न होने भी बिक्री करता है तो उसको कोटपा एक्ट की धारा 6 के अन्तर्गत 200 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। कोटपा एक्ट की धारा 7 के तहत सिगरेट अन्य तंबाकू उत्पादन जिस पर स्वास्थ्य चेतावनी नही दी हुई हो तो वितरक पर प्रथम बार के अपराध में 10000 जुर्माना व 1 वर्ष की सजा या दोनों और यदि दूसरी बार अपराध करता है तो उसको 3000 रुपये जुर्माना व 2 वर्ष की करावास की सजा दी जाएगी।

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