फरीदाबाद: कोरोना की दूसरी लहर निजी अस्पतालों के लिए अवसर बन गयी और अधिकतर अस्पतालों ने आपदा को अवसर मानकर मनचाहे रेट में मरीजों को भर्ती करना शुरू कर दिया है, हरियाणा सरकार ने पहली लहर में ही निजी अस्पतालों के लिए आइसोलेशन बेड का चार्ज: 10000 रुपये प्रतिदिन, ICU बेड का का चार्ज: 15000 रुपये प्रतिदिन, वेंटीलेटर बेड का का चार्ज: 18000 रुपये प्रतिदिन निर्धारित किया था
दूसरी लहर में हरियाणा सरकार ने अपने निर्धारित किये गए रेट को अपडेट नहीं किया इसलिए निजी अस्पतालों ने सरकारी आदेशों पर ध्यान नहीं दिया और 30-40 हजार प्रतिदिन से लाखों रुपये प्रतिदिन के रेट पर मरीजों को भर्ती करना शुरू कर दिया जिसकी वजह से मरीजों में डर, दहशत और पैनिक क्रिएट हो गया और लोग अस्पतालों में मंहगे बेड ना खरीद सकने की मजबूरी में बेमौत मरने लगे.
अब हरियाणा सरकार की निजी अस्पतालों की कमाई पर नजर गयी है, कल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने निजी अस्पतालों के लिए कोरोना इलाज का रेट फिर से निर्धारित किया है और निजी अस्पतालों ने इससे अधिक ना वसूलने की चेतावनी दी है.
निजी अस्पतालों के लिए सरकारी आदेश
आइसोलेशन बेड का चार्ज: 10000 रुपये प्रतिदिन
ICU बेड का का चार्ज: 15000 रुपये प्रतिदिन
वेंटीलेटर बेड का का चार्ज: 18000 रुपये प्रतिदिन
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इस समय 42 निजी अस्पताल कोविड मरीजों का उपचार कर रहे हैं। सरकार ने NABH व JCI मान्यता प्राप्त अस्पतालों में आइसोलेशन बेड का 10000 रु, बिना वेंटीलेटर के आईसीयू बेड का 15000 रु तथा वेंटिलेटर युक्त ICU बेड का 18000 रु प्रतिदिन की दर से रेट तय किए हैं।
— DPR Haryana (@DiprHaryana) May 5, 2021
अब देखते हैं कि निजी अस्पताल हरियाणा सरकार के आदेश को मानते हैं या अपनी मनमानी जारी रखते हैं, वैसे हरियाणा सरकार अस्पतालों का ऑडिट भी करवाएगी।
अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड और दवाईयों का ऑडिट करने के निर्देश
— DPR Haryana (@DiprHaryana) May 6, 2021
कोरोना के स्टेप डाउन मरीजों को सम्पूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ कोविड केयर सेंटर में शिफ्ट करने को दें प्राथमिकता
ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाले टैंकर और ऑक्सीजन की मांग की निगरानी के लिए जिलों में टीमें गठित करें
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