फरीदाबाद, 14 मई: कोरोना से बचाव के लिए भारत में दो वैक्सीन बनी हैं - कोवीशिल्ड और कोवैक्सीन। फिलहाल भारत में कोवीशिल्ड वैक्सीन ही अधिकतर लोगों लग रही है क्योंकि यह ट्रायल के फेज से गुजर चुकी है.
कोवीशिल्ड के बारे में भारत सरकार के दिशानिर्देश लगातार बदल रहे हैं. पहले First Dose के बाद 28 दिन का गैप दिया गया था लेकिन कुछ दिनों बाद सरकार ने 28 दिन का गैप बदलकर 48 दिन का कर दिया।
अब फिर से गैप बढ़ा दिया गया है. अब पहले डोज के बाद 12-16 हप्ते का गैप बढ़ा दिया गया है.
इससे भी जरूरी यह है कि कोरोना निगेटिव लोगों को ही यह वैक्सीन लगवानी चाहिए। पहले निगेटिव होने के 16 दिन बाद यह वैक्सीन लगवा सकते थे लेकिन अब इसे बढ़ाकर 6 महीनें कर दिया गया है.
मतलब अगर किसी को कोरोना हो गया और इलाज के बाद उसकी रिपोर्ट निगेटिव आ गयी तो उसे कोवीशिल्ड इंजेक्शन लगवाने के लिए 6 महीनें इन्तजार करना चाहिए। यह दोनों शिफारिस वैक्सीन पैनल ने कल ही दी हैं जिसे भारत सरकार ने मंजूर भी कर लिया है.
यह जानकारी एक बहुत बड़े अस्पताल Institute of Liver Transplantation and Regenerative Medicine के बहतु बड़े डॉक्टर अरविन्दऱ सिंह सोइन ने दी है. नीचे आप देख सकते हैं.
जल्दबाजी में ना करें ये गलतियां
आजकल डर और दहशत की वजह से लोग जल्दी से जल्दी यह वैक्सीन लगवाना चाहते हैं जिसकी वजह से कुछ गलतियां हो जाती हैं. आप जानते हैं कि कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से फ़ैल रहा है, कई लोगों में संक्रमण हो जाता है लेकिन उन्हें कोई लक्षण नहीं आते और ये लोग पॉजिटिव होते हुए भी वैक्सीन लगवा रहे हैं जबकि वैक्सीन सिर्फ निगेटिव लोगों के लिए है.
अच्छा यह होगा कि अगर कोरोना बीमारी हो गयी हो और इलाज के बाद ठीक हो गए हों तो कोवीशिल्ड वैक्सीन लगवाने के लिए 6 महीनें का इंतजार करें और अगर फ्रेश लोग वैक्सीन लगवाने जा रहे हों तो पहले कोरोना का टेस्ट करवा लें ताकि आपको बता चल सकते कि आप पॉजिटिव हैं या निगेटिव, अगर रिपोर्ट निगेटिव आये तभी कोरोना वैक्सीन लगवाएं।
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