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आनंद कांत भाटिया ने दिया इस्तीफ़ा, फरीदाबाद में CM विंडो पर हावी हैं भ्रष्ट अफसर और नेता

Faridabad BJP Leader Anand Kant Bhatia resign from CM Window monitoring commette chief news

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फरीदाबाद, 26 फरवरी: मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा भाजपा के प्रथम कार्यकाल के दौरान गुजरात की तर्ज पर अपनी शिकायतें सीधे उन तक पहुंचाने के लिए सीएम विंडो का प्रावधान प्रदेश की जनता के लिए किया गया था। 

सीएम विंडो की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए या उसे और अधिक सशक्त करने के विचार से प्रदेश की सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 270 विशिष्ट नागरिकों को मनोनीत किया गया था। जहां एक ओर किसी भी विधानसभा क्षेत्र का शिकायतकर्ता इस उम्मीद से सीएम विंडो पर अपनी शिकायत लगाता है कि कम से कम उसकी सुनवाई प्रदेश के मुखिया से सीधे तौर पर जुड़े हुए लोगों द्वारा तो की ही जाएगी वहीं दूसरी ओर बड़खल विधानसभा के निगरानी समिति प्रमुख आनंद कांत भाटिया ने विशिष्ठ नागरिक के पद से अपना इस्तीफा सीधे मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार के पास एक ईमेल के माध्यम से प्रेषित कर शिकायतकर्ताओं की सोच पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। 

आनंद कांत भाटिया की माने तो सीएम विंडो पर कुछ भी सही नहीं है। अपने इस्तीफे के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष कई प्रकार के खुलासे करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेताओं और विभिन्न पदों पर बैठे नेताओं द्वारा सरेआम जिले में सरकारी जमीनों पर कब्जे करने एवं करवाने के साथ-साथ कई प्रकार के अनैतिक कार्यों से सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाते हुए निजी फायदों के लिए धन उगाहने तक के आरोप लगाए हैं।

भाटिया का यह मानना है कि कई भ्रष्ट प्रशासनिक अधिकारी एवं ऐसे नेता जो मौकापरस्त, फिरकापरस्त हैं और पार्टी में प्रमुख पदों पर सुशोभित किए गए हैं दोनों हाथों से जिले की जनता को गुमराह करते हुए लूटने में लगे हुए हैं और कि जो पार्टी को लगातार नुकसान पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। अपने आत्मसम्मान को अहम मानते हुए और पार्टी के यशस्वी प्रधानमंत्री और ईमानदार मुख्यमंत्री के दिखाए मार्ग पर ना चलने दिए जाने के कारण, क्षुब्ध होते हुए अंततः बहुत सोच-विचार के बाद उन्हें अपना पद त्यागना ही एकमात्र विकल्प दिखाई दिया! 

भाटिया ने अपने प्रेषित त्यागपत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि सरकार से जारी की गई योजनाओं से मिलने वाली कई प्रकार की सुविधाओं या सहायताओं तक को भी आम नागरिक अथवा वोटर तक पहुंचाने की एवज में कई पदाधिकारियों द्वारा अवैध रूप से धन वसूला जाने की शिकायतें भी लगातार उन्हें मिलती रहती हैं। ऐसी शिकायतें शीर्ष नेताओं तक पहुंचाने के बावजूद भी कोई हल ना निकलता देख उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र देना ही एकमात्र उचित रास्ता समझा। अपने त्यागपत्र में भाटिया ने बार बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उन्हें इस पद पर सुशोभित कर मान सम्मान देने के लिए धन्यवाद किया है।

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Haryana

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