नई दिल्ली, 28 जनवरी: लाल किले पर अगर दिल्ली पुलिस कर कर्मचारी चाहते तो अपनी जान बचाने के लिए दंगाइयों पर गोली चला सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। दंगाई लोग पुलिसकर्मियों की जान लेने पर तुले थे ताकि पुलिसवाले गोली चलाएं और उसके बाद दंगाई और साजिशकर्ता मिलकर देश को दुनिया में बदनाम कर दें.
पुलिसकर्मियों ने बहुत ही समझदारी का परिचय दिया, ये चाहते तो आत्मरक्षा के लिए दंगाइयों पर गोली चला सकते थे और संविधान उन्हें इसकी छूट भी देता है लेकिन गोली चलाने के बजाय पुलिसकर्मी अपनी जान बचाने के लिए लाल किले की ऊंची दीवार से खाई में जा गए, कई लोगों के पैर टूट गए हैं, इनका इलाज चल रहा है.
आपको बता दें क़ि देश के दुश्मन चाहते थे कि दंगा और खून खराबा इतना अधिक हो कि पुलिस दंगाइयों पर गोली चलाने को मजबूर हो जाए, जैसे ही दो चार दंगाई मरते, टीवी चैनल तुरंत खबर चलाते कि पुलिस ने किसानों को गोली मार दी, अगर ये सन्देश फ़ैल जाता तो दंगाई और अधिक गुस्सा हो जाते और पूरी दिल्ली में कोहराम मचा देते।
उदाहरण आप नीचे देख लीजिये, एक व्यक्ति पुलिस को कुचलने के लिए ट्रैक्टर तेज गति में चला रहा था, ITO पर उसका ट्रेक्टर पलट गया और उसकी मौत हो गयी. इंडिया टुडे के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने तुरंत ट्वीट कर दिया क़ि किसान नवनीत पुलिस की गोली से मारा गया है, किसानों ने मुझसे कहा कि उसका वलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। यह पूरी तरह से फेक ट्वीट था, यह ट्वीट बहुत बड़ा दंगा करा सकता था लेकिन पुलिस ने जल्द ही इसकी असलियत बता दी और उसका वीडियो भी वायरल हो गया, वरना राजदीप सरदेसाई का यह ट्वीट कई लोगों की जान का दुश्मन बन सकता था. देखिये -
दंगाई साजिशकर्ता चाहते थे क़ि पुलिस किसानों पर फायरिंग करे, कई लोगों की जान जाए और उसके बाद मीडिया यह खबर दिखाई क़ि मोदी सरकार ने किसानों को मरवा दिया, किसानों को मोदी सरकार में गोली मारी जा रही है. पूरी दुनिया में भारत की छवि खराब करने की बहुत बड़ी प्लानिंग की गयी थी लेकिन पुलिस ने सहनशक्ति दिखाकर दंगाइयों का प्लान फेल कर दिया हालाँकि पुलिस ने दंगाइयों की लाठियां खाई, कई लोगों पर तलवार से हमला हुआ, देखिये ये फोटो -
एक फोटो और देखिये, ये लाल किले की है, इसमें देखिये दंगाइयों ने पुलिसकर्मियों पर तलवारों और लाठी डंडों से किस प्रकार हमला किया।
एक फोटो और देखिये, जब पुलिसकर्मी अपनी जान बचाने के लिए दीवार से नीचे कूद गए तो एक दंगाई भी उनके पीछे नीचे कूद गया और पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया।
यह सब फोटो देखकर आप समझ सकते हैं कि पुलिसकर्मियों को भड़काकर फायरिंग करवाने की कितनी बड़ी प्लानिंग की गयी थी, दंगों के आरोपी राकेश टिकैत ने तो आज बोल भी दिया कि लाल किले के दंगाइयों पर पुलिस ने गोली क्यों नहीं चलाई। कांग्रेस भी यही कह रही है कि पुलिस ने कड़ा एक्शन क्यों नहीं लिया, लेकिन अगर पुलिस कड़ा एक्शन ले लिया होता तो यह लोग कुछ और बोल रहे होते।
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