फरीदाबाद, 24 सितम्बर: मोदी सरकार ने तीन कृषि और किसान से सम्बंधित बिलों को लोकसभा और राज्य सभा से पास कर दिया है, राष्ट्रपति से भी इसे मंजूरी मिल चुकी है, विपक्षी पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही हैं, पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं. हालाँकि हम इस आर्टिकल में इस बिल के फायदे और आगे आने वाली परेशानियों का जिक्र करेंगे।
सबसे पहले तीनों बिलों का नाम लिखना जरूरी है -
1. The Farmers Produce, Trade and Commerce Act 2020
2. The Farmers (Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance and Farm Services act 2020
3. The Essential Commodities (Amendment) Act 2020
मोदी सरकार ने उपरोक्त तीनों कानून पास कर दिए हैं. मोदी सरकार इस कानून के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने, किसानों को अधिक मुनाफा दिलाने और कृषि पैदावार अधिक बढ़ाने का दावा कर रही है तो विपक्षी दल इस कानून को किसान विरोधी बिल बता रहे हैं.
क्या ख़त्म होगी रोजगार की समस्या
यह तो मानना पड़ेगा की कोरोना महामारी के वक्त करोड़ों लोगों का बड़े बड़े शहरों से गाँवों की तरफ पलायन हुआ और अब करोड़ों बेरोजगार लोग अपने गाँवों में रोजगार मिलने का इन्तजार कर रहे हैं.
The Essential Commodities (Amendment) Act 2020 में एसेंशियल फ़ूड जैसे अनाज, दालें, खाद्य तेल, प्याज और आलू को एसेंशियल फ़ूड की लिस्ट से बाहर कर दिया गया है जिसके बाद प्राइवेट कम्पनियाँ इन सब चीजों की मनचाहा भण्डारण कर सकेंगे। इस कानून के पास होने से अब प्राइवेट कंपनियां कृषि क्षेत्र में बेतहाशा निवेश करेंगी, बड़े बड़े गोदाम बनेगें, फ़ूड प्रोसेसिंग प्लांट और सेकेंडरी प्रोडक्ट्स के प्लांट लगेंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों की जनता को रोजगार मिलेगा। किसान भी प्राइवेट मंडियों में अपनी फसलें बेच सकेंगे।
क्या प्राइवेट कम्पनियाँ करेंगी किसानों का शोषण
विपक्षी पार्टियों का कहना है कि अब अडानी अम्बानी अपनी मंडी और गोदाम बनाएंगे और सरकारी मंडियां ख़त्म हो जाएगीं जिसके बाद प्राइवेट कम्पनियाँ सस्ते दामों में किसानों की फसलें खरीदकर उनका शोषण करेंगी। सरकार को विपक्षी पार्टियों की इस चिंता को दूर करना चाहिए और किसानों का शोषण करने वाली कंपनियों को कड़ी सजा का प्रावधान करना चाहिए।
क्या किसानों का मुनाफ़ा बढ़ेगा
सरकार ने किसानों का मुनाफ़ा बढ़ने का दावा किया है तो विपक्षी पार्टियां किसानों के नुकसान और MSP ख़त्म करने की बात कर रही हैं हालाँकि सरकार का कहना है कि ना तो मंडियां ख़त्म होंगी और ना ही MSP ख़त्म होगी, सरकार का कहना है कि अब किसानों को पैदावार बेचने के लिए कई विकल्प मिलेंगे। किसान को जहाँ फायदा नजर आए वहां उपज बेच सकता है. अगर उसे किसी मंडी में MSP से ज्यादा पैसा मिलता है तो वह उस मंडी में उपज बेचने के लिए स्वतंत्र है.
कहीं बढ़ ना जाएगी मंहगाई
जनता की चिंता यह है कि अगर प्राइवेट कम्पनियाँ, अनाज, दालों, आलू-प्याज और तेल का भण्डारण कर लेंगी वह इन्हें मंहगे दामों में बेचेंगी, इससे मंहगाई आएगी, गरीबों का जीना मुश्किल हो जाएगा। सरकार को जनता की यह चिंता भी दूर करनी चाहिए।
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