फरीदाबाद, 28 जुलाई: कोरोना महामारी में अंतिम वर्ष परीक्षा को अनिवार्य रूप से कराने के यूजीसी के फैसले के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी क्रम में सोमवार को छात्र संगठन वर्ल्ड स्टूडेंट यूनियन द्वारा वर्चुअल रैली का आयोजन किया गया। इस वर्चुअल रैली में सैकड़ों छात्रों को संगठन छात्र नेताओं ने सम्बोधित किया और यूजीसी व केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के खिलाफ अपना विरोध जाहिर किया।
संगठन अध्यक्ष छात्र नेता आशीष राजपूत ने कहा कि महामारी में ऑफ़लाइन एग्जाम किसी भी प्रकार से मंजूर नही है। परिस्थिति अनुकूल मास प्रमोशन का फैसला ही छात्र हित में है। छात्र इस देश का भविष्य हैं और उनकी जान को खतरे में डालना इस राष्ट्र को बर्बादी की तरफ ले जाना है। संगठन प्रोफेशनल कोर्स के लिए ऑनलाइन एग्जाम जिसमे रिपोर्ट मेकिंग, असाइनमेंट, ओपन बुक के रूप में परीक्षाओं का समर्थन करता आया है लेकिन ऑफ़लाइन एग्जाम का विरोध है। इसके साथ ही छात्र नेता सचिन कौशिक, प्रवीण ने भी छात्रों को सम्बोधित किया।
कोरोना महामारी से बदली परिस्थितियों में छात्रों ने भी वर्चुअल तरीके से प्रदर्शन का तरीका अपनाया है। वर्ल्ड स्टूडेंट यूनियन की प्रिया ने बताया कि अलग अलग सेशन के जरिये दो से तीन हजार छात्रों को साथ लाने का कार्य किया जा रहा है। इस वर्चुअल मीट में पवन मुदगल , निधिश , दिनेश, ज्योति, आरती ने अहम भूमिका निभाई। संगठन के अनुसार हरियाणा के चरखी दादरी, भिवानी, हिसार, फरीदाबाद, यमुनानगर, पानीपत समेत लगभग सभी जिलों के छात्र जुड़े और आगे होने वाले सेशन में भी जुड़ेंगे।
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार द्वारा प्रोमोशन का फैसला करने के बाद यूजीसी ने अनिवार्य परीक्षा का निर्णय लिया है। रोजाना हजारों केस सामने आने के बाबजूद सरकार परीक्षा पर अड़ी है और इसीलिए छात्र भी प्रदर्शन और वर्चुअल रैली के तरीके अपनाकर परीक्षा के विरोध में अड़े हुए हैं।”
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