फरीदबाद, 20 जुलाई 2020: शहर की एक कंपनी फ्रेंड्स ऑटो इंडिया लिमिटेड के खिलाफ कंपनी के ही मजदूरों और कर्मचारियों ने लेबर विभाग में शिकायत की है जिसपर एक्शन लेते हुए लेबर विभाग ने कंपनी से शिकायतकर्ता मजदूरों का पूरा रिकॉर्ड मांग लिया है, आगे की कार्यवाही के लिए कंपनी को 23 जुलाई 2020 को पेश होने के लिए कहा गया है।
मजदूरों की शिकायत पर कंपनी को नोटिस जारी करते हुए लेबर विभाग ने कहा है - हमें शिकायर्कर्ता की तरफ से एक डिमांड नोटिस प्राप्त हुआ है इसलिए आप को 23 जुलाई 2020 को सुबह 10.30 बजे चर्चा के लिए आना है। मैनेजमेंट को इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट 1947, रूल 10(1) के तहत काउंटर स्टेटमेंट फाइल करने की अपील की जाती है।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि चर्चा के बाद अगर इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट बनता है तो इस मीटिंग के बाद समझौते की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
कंपनी के मैनेजमेंट को शिकायतकर्ता कर्मचारियों के निम्नलिखित रिकॉर्ड लाने के लिए कहा गया है -
- कर्मचारी का अपॉइंटमेंट लेटर की कॉपी
- नौकरी से निकाले जाने का पत्र
- जांच अधिकारी की रिपोर्ट की कॉपी
- कंपनी का नाम और वर्तमान/स्थायी पता
- मालिक का एक्टिव और रजिस्टर्ड बिजनेस का पता (प्रूफ के साथ)
- ठेकेदार या जिम्मेदार व्यक्ति का फोटोग्राफ, जहाँ पर काम होता था
- अगर कॉन्ट्रैक्ट लेबर का डिस्प्यूट हो तो रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और लाइसेंस ऑफ़ थे कॉन्ट्रैक्ट लेबर
- डिस्प्यूट से सम्बंधित अन्य डॉक्यूमेंट
सुनवाई के दिन शिकायतकर्ता कर्मचारिय को भी असिस्टेंट लेबर कमिश्नर, सर्कल-2 के दफ्तर में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं। सभी 24 शिकायतकर्ता कर्मचारियों की तरफ से कंपनी को नोटिस जारी किया गया है.
क्या है मजदूरों/कर्मचारियों की शिकायत
फरीदाबाद सेक्टर 12 कोर्ट के जाने माने वकील विश्वेन्द्र अत्री के मार्फत आईडी एक्ट-1947 की धारा 2-A के अंतर्गत कंपनी के करीब 30 कर्मचारियों ने लेबर विभाग को डिमांड नोटिस भेजा है जिसमें से 24 शिकायतों पर लेबर विभाग ने अभी तक संज्ञान लिया है, अन्य शिकायतों पर भी जल्द ही संज्ञान लिया जा सकता है. वकील विश्वेन्द्र अत्री ने इसकी पुष्टि की है।
अपनी शिकायत में अधिकतर कर्मचारियों ने लॉकडाउन के मुश्किल समय में नौकरी से निकालने, फ़रवरी से लेकर लॉक डाउन तक सैलरी ना देने, कई वर्षों का बोनस, ओवरटाइम का पैसा और अन्य लाभ रोकने, बिना नोटिस दिए कंपनी से निकालने आदि तरह तरह के आरोप लगाए हैं। इसके अलावा कुछ मजदूरों ने कहा है कि हमसे जबरन सादे पेपर पर हस्ताक्षर भी करवाए गए हैं। शिकायत की एक कॉपी अटैच है और लेबर विभाग की तरफ से भेजे गए नोटिस की 24 कॉपी अटैच है.
अपनी शिकायत में अधिकतर कर्मचारियों ने लॉकडाउन के मुश्किल समय में नौकरी से निकालने, फ़रवरी से लेकर लॉक डाउन तक सैलरी ना देने, कई वर्षों का बोनस, ओवरटाइम का पैसा और अन्य लाभ रोकने, बिना नोटिस दिए कंपनी से निकालने आदि तरह तरह के आरोप लगाए हैं। इसके अलावा कुछ मजदूरों ने कहा है कि हमसे जबरन सादे पेपर पर हस्ताक्षर भी करवाए गए हैं। शिकायत की एक कॉपी अटैच है और लेबर विभाग की तरफ से भेजे गए नोटिस की 24 कॉपी अटैच है.
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