फरीदाबाद, 3 मई: कोरोना वायरस से फैली महामारी की वजह से दुनिया ठहर गयी है, इस महामारी ने सबकी जेब पर डाका डाल दिया है, लोगों के काम धंधे बंद हो गए हैं, कई लोगों को तो दो वक्त का भोजन भी मिलना मुश्किल हो रहा है लेकिन निजी स्कूल ना तो फीस कम कर रहे हैं और ना ही लूटने की आदत छोड़ रहे हैं.
सरकार ने स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने की अनुमत दी है लेकिन कुछ स्कूल वाले ट्यूशन फीस बढ़ाकर अभिभावकों को लूट रहे हैं, इसके अलावा किताबों के दाम कई गुना बढाकर अभिभावकों को लूटने का प्रयास किया जा रहा है.
एक अभिभावक ने बताया कि उसके बच्चे के स्कूल वाले किताब खरीदने के लिए प्रेशर डाल रहे हैं, किताब की दूकान खतरे वाले जोन सेक्टर-29 में है, इसके अलावा तीसरी क्लास की किताबों का दाम 4173 रुपये बताया जा रहा है.
किताबों में कैसे लूटते हैं निजी स्कूल
निजी स्कूल अपने मनपसंद पब्लिशर से किताबें छपवाते हैं और उसपर मनचाही MRP लिख देते हैं, 50 रुपये कीमत वाली किताब पर 500 रुपये लिखवा देते हैं और किताबों का कलेक्शन खुद लाकर किसी दूकान पर रखवा देते हैं और अभिभावकों को बोलते हैं कि फलां दूकान पर जाकर किताब ले लो, बदले में किताब की दूकान को भी कुछ कमीशन दिया जाता है. यह एक काली कमाई है जिसपर सरकार का ध्यान नहीं है.
I agree with ..everywhere it happens
ReplyDelete