फरीदाबाद, 3 मई: कोरोना महामारी से दुनिया परेशान है, ये मुसीबत सबके लिए है लेकिन मुसीबत में ही अच्छे और निकम्मे नेताओं की पहचान होती है. जनता को अब अच्छे और निकम्मे नेताओं की भी पहचान हो रही है, अब चुनाव में सिर्फ अच्छे और जनसेवी नेताओं की ही जीत होगी। अब शायद जनता किसी बड़े नेता का चेहरा देखकर उम्मीदवारों को वोट नहीं देगी।
सरकार जनता के लिए हर चीज की व्यवस्था कर रही है लेकिन भ्रष्ट सिस्टम जनता के हक़ को जनता तक पहुँचने नहीं दे रहा है, अच्छे नेता जनता की मदद कर रहे हैं और सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गयी मदद को जनता तक पहुंचा रहे हैं लेकिन निकम्मे नेता अपने घरों में बैठकर तमाशा देखकर रहे हैं और जनता को उनके हाल पर छोड़ दिया है, इन्हें लग रहा है कि किसी बड़े नेता के नाम पर इनकी चुनाव में फिर से जीत हो जाएगी लेकिन यह इनकी भूल है.
अधिकतर वार्डों और गाँव में डिपो वाले सरकार द्वारा जनता के लिए भेजे गए राशन, तेल, दाल, नमक और अन्य खाद्य पदार्थ की लूट कर रहे हैं लेकिन अच्छे नेता डिपो वालों पर नकेल लगाकर जनता का हक़ उन्हें दिलवा रहे हैं लेकिन निकम्मे नेता बैठकर तमाशा देख रहे हैं.
अच्छे नेता अपने क्षेत्र के असंगठित मजदूरों के लिए सरकार द्वारा दिए जाने वाली आर्थिक मदद को पहुंचाने के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं और जनता की मदद के लिए अपना मोबाइल नंबर सार्वजनिक कर दिया है लेकिन निकम्मे नेताओं ने अपना फोन बंद करके जनता को उनके हाथ पर छोड़ दिया है.
प्रशासन ने भूखों के लिए पके भोजन की भी व्यवस्था की है और अच्छे नेता प्रशासन के साथ मिलकर इस भोजन को अपने क्षेत्र के जरूरतमंदों तक पहुंचा रहे हैं लेकिन निकम्मे नेता अपने घरों में बैठकर तमाशा देख रहे हैं.
इसी प्रकार के कई काम हैं जो अच्छे नेता पूरे देश में कर रहे हैं लेकिन पूरे देश के निकम्मे नेता अपने घरों में बैठकर तमाशा देख रहे हैं, जनता इन नेताओं पर नजर रख रही है, सबको पता चल गया है कि कौन नेता अच्छा काम कर रहा है और कौन नेता गायब है. अब जनता चुनाव के वक्त निकम्मे नेताओं को उनके घर पर बिठाएगी और सिर्फ मेहनती, कर्मठ, समाजसेवी नेताओं को सेवा का मौका देगी।
Post A Comment:
0 comments: