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कोरोना अस्पताल घोषित किये गए ESI-NIT3 के डॉक्टर नाराज, हाथों पर बाँधी काली पट्टी, पढ़ें क्यों

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फरीदाबाद, 10 अप्रैल: देश के  कोरोना मरीजों की किस्मत डॉक्टरों के हाथों में है लेकिन कोरोना मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टरों के पास PPE किट्स और मास्क का होना बहुत जरूरी है, ये सब ना होने से डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ  को भी कोरोना संक्रमण हो जाता है, देश के कई हिस्से में ऐसे मामले सामने आये हैं.

फरीदाबाद के ESI हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज NIT-3 के डॉक्टरों अस्पताल प्रशासन से नाराज हैं, डीन असीम दास के खिलाफ आज हॉस्पिटल के बाहर मूक प्रदर्शन किया गया, कई डॉक्टरों ने अपने हाथों पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया।

कुछ डॉक्टरों का कहना था कि उन्हें 7th पे कमीशन के अनुसार सैलरी नहीं मिल रही है जबकि मुख्यमंत्री खट्टर कहते हैं कि हम  कोरोना की लड़ाई में लगे लोगों की सैलरी डबल देंगे, हमारा वेतन 2016 से  7th पे कमीशन के अनुसार के अनुसार नहीं मिला है.

कुछ डॉक्टरों ने बताया कि प्रशासन ने ESI को कोरोना आइसोलेशन वार्ड तो बना दिया लेकिन हम डॉक्टरों को PPE किट्स नहीं उपलब्ध कराया। कुछ डॉक्टरों को मास्क भी नहीं मिले हैं, यही नहीं आइसोलेशन वार्ड में सिर्फ जूनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गयी है, सीनियर वहां आते ही नहीं। 

डॉक्टर काफी नाराज दिखे, डीन असीम दास पर ठीक से बात ना करने का भी आरोप लगाया, हालाँकि उन्होंने यह भी कहा कि हम मानवता के लिए अपने हाथों पर काली पट्टी बांधकर मरीजों का इलाज करेंगे।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ESI हॉस्पिटल को कोरोना अस्पताल बना दिया गया है, यहाँ पर टेस्टिंग की भी सुविधा है, फरीदाबाद और पलवल के मरीजों का यहाँ पर इलाज होगा। अन्य मरीजों का इलाज फिलहाल रोक दिया गया है. यहाँ पर 510 बेड की व्यवस्था की गयी है.
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Faridabad News

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