फरीदाबाद, 31 मार्च: वैसे तो लॉक डाउन के दौरान घर में ही रहना बेहतर है लेकिन निजामुद्दीन मरकज में आयोजित जलसे से वापस लौटे व्यक्तियों से दूर रहना बहुत जरूरी है क्योंकि हो सकता है कि इस जलसे में फरीदाबाद के भी कुछ लोग शामिल रहे हों. निजामुद्दीन फरीदाबाद से सिर्फ 25 किलोमीटर दूर है और यहाँ के भी कुछ लोग वहां अक्सर आते जाते हैं और धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं.
वैसे तो प्रशासन को चाहिए कि फरीदाबाद में ऐसे लोगों की पहचान की जाय जो मरकज में शामिल होकर आये हैं और इन्हें कारण्टीन किया जाय.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात में विदेश से आये लोगों सहित कई राज्यों से करीब 2000 लोग शामिल हुए थे जिसमें से सैंकड़ों लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की संभावना को देखते हुए करीब 350 लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और अन्य 900 संदिग्ध लोगों को कारण्टीन किया गया है ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके. इनमें से करीब 20 - 25 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं और अन्य की रिपोर्ट का इन्तजार है.
बताया जा रहा है कि लॉकडाउन से ठीक दो दिन पहले निजामुद्दीन तबलीगी मरकज में सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हुई थी। इस भीड़ में कुछ लोग कोरोना संक्रमित थे, जो विदेश से यात्रा कर लौटे थे। अब इस भीड़ में उपस्थित सभी लोगों पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। मरकज में शामिल लगभग 350 से अधिक संदिग्धों को दिल्ली के दो अलग-अगल अस्पतालों मे भर्ती कराया गया है।
इस भीड़ में तेलंगमा के भी कुछ लोग शामिल हुए थे जिसमें से 6 लोग कोरोना से संक्रमित होकर मर भी चुके हैं, यह जानकारी तेलंगाना स्वास्थय विभाग ने दी है.
इस भीड़ में तेलंगमा के भी कुछ लोग शामिल हुए थे जिसमें से 6 लोग कोरोना से संक्रमित होकर मर भी चुके हैं, यह जानकारी तेलंगाना स्वास्थय विभाग ने दी है.
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