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साइबर सिटी में मचा हड़कंप, IAS अनीता यादव सहित 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी

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गुरुग्राम, 18 फ़रवरी:  साइबर सिटी सेक्टर - 56 में प्लाट आवंटन को लेकर आईएएस अनीता यादव सहित तीन अधिकारी बुरी तरह से फंस गए हैं। इस गड़बड़झाले में फंसे तीनों अधिकारियों सहित दस लोगों के खिलाफ अदालत ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी दिए हैं। 

पूरे मामले की डिटेल

सैक्टर 56 गुरूग्राम में डा. प्रभा मनचंदा को 6744.825 स्कवायर मीटर का प्लाट 16 जुलाई 1997 को एलाट किया गया था। इसी वर्ष 12 अगस्त को प्लाट का कब्जा भी दे दिया गया। हुडा की शर्त यह थी कि प्लाट पर निश्चित समय में निर्माण करना अनिवार्य है, अन्यथा प्लाट मालिक पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। पंरतु प्लाट मालिक डा. प्रभा ने हुडा के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए संजीवनी हेल्थ केयर नामक संस्था को न केवल अपने शेयर ट्रांसर्फर कर दिए, बल्कि 8 नवंबर 2006 को 1 करोड़ 37 लाख 21 हजार 16 रुपए में कन्वेंश डीड भी कर दी। जबकि डा. प्रभा ने यह प्लाट हुडा से मात्र 71 लाख 65 हजार 620 रुपए में खरीदा था। प्लाट पर 2014 की 7 मई तक किसी प्रकार का निर्माण नहीं किया गया। प्लाट मालिकों ने आरोप भी लगाया कि प्लाट की पैमाईश ठीक नहीं है। आरोप है कि निर्माण ना होने से 31 करोड़ रुपए का जुर्माना बनता था। परंतु तत्कालीन हुडा प्रशासक अनीता यादव एवं तत्कालीन संपदा अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की, जिसका सीधा सा लाभ आरोपियों को मिला। 

आरटीआई एक्टिविस्ट हरिंद्र ढींगड़ा ने सीआरपीसी की धारा 156(3) की शिकायत पर अदालत ने सुनवाई करते हुए बीते सोमवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कम स्पेशल जज ए.के. मेहता की अदालत ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने तत्कालीन हुडा प्रशासक अनीता यादव, तत्कालीन संपदा अधिकारी विवेक कालिया व तरूण पांवरिया सहित दस लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467,468,471,120 बी एवं भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत सैक्टर 14 थाना पुलिस गुरूग्राम को केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने स्पष्ट कहा है कि पुलिस मुकदमा दर्ज कर अदालत को भी अपनी कार्रवाई से अवगत करवाए ।

किन लोगों को बनाया गया है आरोपी, पढ़ें

आरटीआई एक्टिविस्ट हरिंद्र ढींगड़ा ने अपनी शिकायत में 10 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें डा. प्रभा, संजीवनी हेल्थ केयर, संजीव कुमार, महेंद्र चावला, मीना चावला, गुंजन खेमका, गोपाल खेमका, तत्कालीन हुडा प्रशासक अनीता यादव, संपदा अधिकारी विवेक कालिया व तरूण पांवरिया शामिल हैं । शिकायकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई है कि उक्त आरोपियों के खिलाफ अपराधिक एवं भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए और दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। वहीं दूसरी ओर तत्कालीन हुडा प्रशासक अनीता यादव का कहना है कि उन्होंने सभी कार्य नियमों के अनुरूप किए हैं । अदालत के आदेशों की जानकारी उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से मिली है।
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