फरीदाबाद: पति-पत्नी और बेटी एक साथ सोये पर उठ ना सके. सर्दी से बचने के लिए रात में अंगीठी जलाकर तीनों एक ही चारपाई पर सोये थे, कमरा हर तरफ से बंद था, खिड़की और झरोखों को भी गत्ते से बंद कर दिया गया था, तीनों को शायद पता नहीं था कि धुंवा निकलने के लिए जगह होनी चाहिए। रात में कमरे में ही धुंवा इकठ्ठा हो गया और इसी धुंवे में दम घुटकर तीनों की जान चली गयी.
यह वारदात फरीदाबाद के वजीरपुर गाँव की है, मृतकों का नाम गजेंद्र उनकी पत्नी पायल और बेटी दीपांशी है. जानकारी के अनुसार मृतक गरीब परिवार से थे, ओढ़ने के लिए गर्म रजाई नहीं थी इसीलिए अंगीठी का सहारा लिया जाता था.
पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर कानून कार्यवाही को आगे बढ़ा दिया लेकिन इस घटना से एक सबक जरूर मिलता है. अंगीठी से सावधान रहने की जरूरत है. बंद कमरे में अंगीठी ना जलाएं, अगर जलाएं तो धुंवा निकलने के लिए खिड़की खोल दें. रात में धुंवा हानिकारक गैस में बदल जाता है और जानलेवा बन जाता है.
यह वारदात फरीदाबाद के वजीरपुर गाँव की है, मृतकों का नाम गजेंद्र उनकी पत्नी पायल और बेटी दीपांशी है. जानकारी के अनुसार मृतक गरीब परिवार से थे, ओढ़ने के लिए गर्म रजाई नहीं थी इसीलिए अंगीठी का सहारा लिया जाता था.
पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर कानून कार्यवाही को आगे बढ़ा दिया लेकिन इस घटना से एक सबक जरूर मिलता है. अंगीठी से सावधान रहने की जरूरत है. बंद कमरे में अंगीठी ना जलाएं, अगर जलाएं तो धुंवा निकलने के लिए खिड़की खोल दें. रात में धुंवा हानिकारक गैस में बदल जाता है और जानलेवा बन जाता है.
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