फरीदाबाद: कल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने साफ़ साफ़ कह दिया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी मंत्री, सांसद और विधायक के परिजन को टिकट नहीं दी जाएगी. यह बयान आने के बाद ऐसा कहा जाने लगा कि अब तिगांव विधानसभा से देवेन्द्र चौधरी को टिकट नहीं मिलेगी क्योंकि वह केंद्रीय मंत्री एवं सांसद कृष्णपाल गुर्जर के बेटे हैं.
ऐसा सुनने में आ रहा है कि देवेन्द्र चौधरी के नाम पर चर्चा समाप्त नहीं हुई है बल्कि अभी भी जारी है. देवेन्द्र चौधरी अपने दम पर टिकट पर दावेदारी जता रहे हैं, अगर उनपर से कृष्णपाल गुर्जर के बेटे होने का तमगा हटा दिया जाए तो वह नगर निगम के चुने हुए पार्षद हैं, वरिष्ठ डिप्टी मेयर हैं और संगठन में भी जिला महामंत्री हैं.
कृष्णपाल गुर्जर भी वरिष्ठ नेताओं के सामने यही तर्क रख रहे हैं. उनका कहना है कि देवेन्द्र को अचानक तो पार्टी में शामिल नहीं किया गया है, वह कई वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहा है, नगर निगम में जनता का चुना हुआ प्रतिनिधि है, वरिष्ठ डिप्टी मेयर है. इस नाते उसे टिकट मिलनी चाहिए.
आपको बता दें कि देवेन्द्र चौधरी तिगांव विधानसभा से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर चुके हैं लेकिन वंशवाद उनके रास्ते की रुकावट बन रहा है लेकिन उन्होंने कई वर्षों तक पार्टी की सेवा करके खुद को अपने पिता की परछाई से दूर रखने का प्रयास किया है लेकिन अब फैसला भाजपा आलाकमान पर है. 29 सितम्बर को भाजपा की फाइनल लिस्ट आ जाएगी.
देवेन्द्र चौधरी के अलावा राजेश नागर भी तिगांव विधानसभा सीट से भाजपा टिकट के मजबूत दावेदार हैं, सरपंच सुधीर नागर का नाम भी पैनल में दिया गया है. देवेन्द्र चौधरी को टिकट ना मिलने की स्थिति में राजेश नागर को टिकट दिए जाने की मांग जोर पकड़ रही है.
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