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जहाँ अच्छे BJP नेता नहीं होंगे वहीँ मिलेगी दलबदलुओं को टिकट, फरीदाबाद में शायद ही किसी को मिले

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फरीदाबाद: इस वक्त हरियाणा विधानसभा में सबसे बड़ी चर्चा ये है कि क्या दूसरी पार्टियों से दल बदल कर आये नेताओं को भाजपा की टिकट मिलेगी, क्या मेहनती भाजपा नेताओं को ठेंगा दिखा दिया जाएगा. फरीदाबाद में भी तीन चार नेता दल बदल कर भाजपा में आये हैं और टिकट के लिए हाथ पैर मार रहे हैं लेकिन मेहनती भाजपा नेता भी जनसंपर्क करके जनता से आशीर्वाद एवं समर्थन मांग रहे हैं, साथ ही भाजपा की टिकट पर अपनी दावेदारी भी जता रहे हैं.

फरीदाबाद भाजपा में एक एक सीट पर तीन चार भाजपा नेता टिकट के दावेदार हैं, ऐसे में दल बदल कर आये नेताओं ने पार्टी की टेंशन बढ़ा दी है. टिकट वितरण से पहले काफी विचार विमर्श चल रहा है.

अगर NIT की बात करें तो वहां पर यशवीर डागर सबसे बड़े दावेदार बनकर उभरे हैं. दल बदल कर आये नगेंदर भड़ाना भी टिकट के लिए हाथ पैर मार रहे हैं और उन्होंने तो खुद को भाजपा उम्मीदवार भी बताना शुरू कर दिया है लेकिन सवाल ये है कि क्या पुराने भाजपा नेता यशवीर डागर की मेहनत और पार्टी की सेवा को इग्नोर करके नगेंदर भड़ाना को टिकट दे दी जाएगी. 

अगर पृथला की बात करें तो वहाँ पर सोहनपाल छोकर जैसा नेता हैं तो पिछले कई वर्षों से तन-मन-धन से पार्टी की सेवा कर रहे हैं, चाहे लोकसभा चुनाव हों या कोई अन्य चुनाव, वे गाँवों और शहरों में घूम घूम कर भाजपा सरकार की नीतियों और योजनाओं को जनता तक पहुंचाते रहते हैं, क्या सोहनपाल छोकर जैसे मेहनती और युवा नेता को इग्नोर करके बसपा विधायक टेकचंद शर्मा को भाजपा की टिकट मिल जाएगी. सोहनपाल छोकर के अलावा नयनपाल रावत भी भाजपा टिकट पर दावेदारी जता रहे हैं लेकिन वह दो बार भाजपा से चुनाव हार चुके हैं इसलिए सोहनपाल की दावेदारी अधिक मजबूत है.

इसी तरह से शारदा राठौर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई हैं. कभी उन्हें पलवल से टिकट दिए जाने की चर्चा होती है, कभी पृथला से और कभी बल्लभगढ़ से. बल्लभगढ़ में विधायक मूलचंद शर्मा की गिरती छवि और घटती लोकप्रियता से बल्लभगढ़ से शारदा राठौर को टिकट दिया जा सकता है लेकिन अगर उन्हें पृथला से टिकट मिलता है तो सोहनपाल और नयनपाल रावत के साथ नाइंसाफी होगी.

टिकट वितरण से पहले संघ और भाजपा के बीच काफी विचार विमर्श चल रहा है. संघ चाहता है कि संगठन में इमानदारी से काम करने वाले भाजपा के सच्चे सिपाहियों को ही टिकट मिले, जहाँ पर अच्छे भाजपा नेता नहीं हैं या भाजपा नेता जनता की नजरों में गिर चुके हैं वहीँ पर दल बदलुओं को टिकट मिले. अब देखते हैं कि आने वाले एक दो हप्ते में क्या होता है.
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