फरीदाबाद: जब भी किसी पार्टी में वंशवाद का उदाहरण दिया जाता है तो कांग्रेस और नेहरु गाँधी के परिवार का नाम सबसे ऊपर आता है, जवाहर लाल नेहरु प्रधानमंत्री, उसके बाद उनकी बेटी इंदिरा गाँधी प्रधानमंत्री, उसके बाद उनका बेटा राजीव गाँधी प्रधानमंत्री, उसके बाद राजीव गाँधी की पत्नी सोनिया गाँधी प्रधानमंत्री उम्मीदवार और कांग्रेस अध्यक्ष, उसके बाद सोनिया गाँधी का बेटा राहुल गाँधी प्रधानमंत्री उम्मीदवार और कांग्रेस अध्यक्ष, इस समय माँ-बेटा और बेटी ही पार्टी के शीर्ष पदों पर बैठे हैं.
फरीदाबाद में वंशवाद का विरोध कांग्रेसी भी कर रहे हैं, कट्टर कांग्रेसी भी देवेन्द्र चौधरी को तिगांव विधानसभा से टिकट दिए जाने का विरोध कर रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि तिगांव से अगर देवेन्द्र चौधरी को टिकट मिली तो वहां से कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर की हार हो सकती है.
खैर.. चुनावी जंग में सब कुछ जायज होता है. भाजपा आलाकमान ने साफ़ कर दिया है कि किसी मंत्री, सांसद या विधायक के बेटे को टिकट नहीं दी जाएगी. अब देवेन्द्र चौधरी को शायद तिगांव की टिकट ना मिले. अब राजेश नागर की दावेदारी मजबूत हो गयी है.
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