फरीदाबाद: लोकसभा चुनाव ख़त्म हो चुके हैं, नतीजे भी आ गए हैं, जल्द ही हरियाणा विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, 2014 विधानसभा चुनावों में फरीदाबाद में भाजपा की तीन सीटों (बडखल, बल्लभगढ़, फरीदाबाद) पर विजय हुई थी लेकिन 2019 में सभी सीटें 6 जीतने का प्रयास करेगी.
अबकी बार कोई और पार्टी मैदान में नहीं दिख रही है, लोकसभा में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी ख़त्म होती दिख रही है, इनेलो में दो फाड़ हो चुके हैं, अबकी बार भाजपा की भाजपा से ही जंग होने वाली है, सभी विधानसभा क्षेत्रों में 4-5 मजबूत उम्मीदवार दिख रहे हैं, इसलिए 2019 में फरीदाबाद में टिकट बांटना भाजपा आलाकमान के लिए आसान नहीं होगा.
देखिये विधानसभा वाइज भाजपा के संभावित उम्मीदवार
NIT विधानसभा
नगेंदर भड़ाना, यशवीर डागर, सतीश भागना, कविंदर चौधरी
बडखल विधानसभा
सीमा त्रिखा, हेमा बैसला, प्रेमकृष्ण आर्य पप्पी, साहिल नम्बरदार, अनीता शर्मा
फरीदाबाद शहर विधानसभा
विपुल गोयल, अजय गौड़, मनमोहन गर्ग, धनेश अधलखा
तिगांव विधानसभा
देवेंदर चौधरी, राजेश नगर
बल्लभगढ़ विधानसभा
मूलचंद शर्मा, दीपक चौधरी, आनंद शर्मा, गोपाल शर्मा
पृथला विधानसभा
टेकचंद शर्मा, सोहन पाल सिंह, नयनपाल रावत, सुरेन्द्र तेवतिया
उपरोक्त नेताओं में सभी विधायकों को शामिल किया गया ह, कुछ पार्षद भी विधायक बनने की तैयारी कर रहे हैं, कुछ 2014 में हारे हुए उम्मीदवार हैं जो फिर से किस्मत आजमाना चाहते हैं, कुछ उम्मीदवार अभी सामने नहीं आये हैं जो जल्द ही सामने आ जाएंगे. अब भाजपा आलाकमान पर निर्भर करता है कि 2019 में किस पर भरोसा करती है.
हमारी ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार जनता अधिकतर सीटों पर नए उम्मीदवार देखना चाहती है क्योंकि मौजूदा विधायकों ने अपना हिसाब-किताब बना लिया है, जनता विधायकों के तेज विकास को देखकर उन्हें सबक सिखाने का मन बना रही है. अगर भाजपा टिकट बदलेगी तो फायदा होगा, वरना राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसा हाल हो सकता है.
उपरोक्त नेताओं में सभी विधायकों को शामिल किया गया ह, कुछ पार्षद भी विधायक बनने की तैयारी कर रहे हैं, कुछ 2014 में हारे हुए उम्मीदवार हैं जो फिर से किस्मत आजमाना चाहते हैं, कुछ उम्मीदवार अभी सामने नहीं आये हैं जो जल्द ही सामने आ जाएंगे. अब भाजपा आलाकमान पर निर्भर करता है कि 2019 में किस पर भरोसा करती है.
हमारी ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार जनता अधिकतर सीटों पर नए उम्मीदवार देखना चाहती है क्योंकि मौजूदा विधायकों ने अपना हिसाब-किताब बना लिया है, जनता विधायकों के तेज विकास को देखकर उन्हें सबक सिखाने का मन बना रही है. अगर भाजपा टिकट बदलेगी तो फायदा होगा, वरना राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसा हाल हो सकता है.
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