फरीदाबाद: पहले ऐसा लगता था कि करण दलाल या अवतार भड़ाना को टिकट देकर कांग्रेस पार्टी कृष्णपाल गुर्जर को कड़ी टक्कर देने की कोशिश करेगी लेकिन ललित नागर को टिकट देकर कांग्रेस पार्टी ने कृष्णपाल गुर्जर का रास्ता आसान बना दिया है.
ललित नागर तिगांव के विधायक हैं, फरीदाबाद शहरी क्षेत्र में उनका ज्यादा प्रभाव नहीं है, यही नहीं तिगांव में भी उनके खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी है, कृष्णपाल गुर्जर के पुत्र देवेन्द्र चौधरी तिगांव से अपनी उम्मीदवारी का दावा ठोंकने वाले हैं और वो भी ललित नागर के मुकाबले मजबूत दिख रहे हैं, ऐसे में ललित नागर को 9 विधानसभाओं वाले फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र का उम्मीदवार बनाना समझ से परे हैं लेकिन यह कांग्रेस पार्टी का निर्णय है और उन्होंने कुछ सोच कर ही ऐसा फैसला लिया होगा.
करण दलाल का भले ही फरीदाबाद शहरी क्षेत्र में प्रभाव नहीं था लेकिन पलवल, हथीन, होडल में उनका प्रभाव था, यही नहीं फरीदाबाद शहरी क्षेत्र में भी वह ललित नागर से अधिक प्रभावशाली हैं, इसके बावजूद भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया, इसी तरह से अवतार भडाना का भी फरीदाबाद शहरी क्षेत्र में ललित नागर से अधिक प्रभाव है. वह रेस में दूसरे नंबर पर थे लेकिन उन्हें भी टिकट नहीं दिया गया.
खैर ललित नागर को टिकट मिलने से अब कृष्णपाल गुर्जर के रास्ते आसान हैं, ललित नागर तिगांव से कांग्रेस विधायक हैं, उनके खिलाफ तिगांव में एंटी-इनकम्बेंसी है, वह विपक्ष के विधायक होने के नाते अपने क्षेत्र में उतना विकास नहीं करा सके लेकिन जनता तो विधायक से ही उम्मीद रखती है. अब देखते हैं कि फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में ललित नागर किस आधार पर वोट मांगते हैं. 9 विधानसभा क्षेत्रों की जनता को किस प्रकार से हैंडल करते हैं. यह भी देखना दिलचस्प होगा कि उन्हें अवतार भड़ाना और करण दलाल सहित तमाम कांग्रेसी नेताओं का सहयोग मिलता है या नहीं.
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