फरीदाबाद: भारत की जनता का मूंड बदल चुका है, अब हर किसी को विकास चाहिए. सबके घर पक्के होने चाहिए, घर की गलियां पक्की होनी चाहियें, सीवर की समस्या नहीं होनी चाहिए. बजली पानी हमेशा मिलते रहना चाहिए. अगर इनमें से किसी भी चीज की कमी हुई तो जनता स्थानीय नेताओं और सरकार से नाराज हो जाती है. मतलब जनता को इन्तजार पसंद नहीं है. यही वजह है कि पिछले पांच वर्षों में जहाँ कांग्रेस थी वहां भाजपा की सरकार आ गयी और जहाँ भाजपा थी वहां कांग्रेस की सरकार आ गयी (छत्तीसगढ़, एमपी और राजस्थान).
आज के युग में जनता को मेहनती नेता चाहिए. अगर नेता मेहनती और मिलनसार है तो एक तो समस्याओं को जनता नजरंदाज कर देती है लेकिन अगर नेता लोग अपने बिजनेस पर ध्यान देना शुरू कर देते हैं, अपना बिजनेस बढ़ाकर अंधाधुंध पैसा कमाना शुरू कर देते हैं, जनता से मिलना पसंद नहीं करते तो जनता ऐसे नेताओं से नाराज हो जाती है. उसके बाद जनता के दिमाग में यही आता है कि फलां नेता तो अपना बिजनेस बढाकर पैसे कमा रहा है और हम विकास के लिए परेशान हैं. उसके बाद जनता ऐसे नेताओं को वोट नहीं देती.
यही हाल फरीदाबाद में है. यहाँ के 90 फ़ीसदी नेता बिजनेसमैन हैं, अधिकतर प्रॉपर्टी डीलिंग बिजनेस से जुड़े हैं. इनमें भाजपा, कांग्रेस और अन्य पार्टियों के नेता शामिल हैं. इससे पहले कांग्रेस की सरकार थी तो नेताओं ने जनता के विकास से अधिक अपने बिजनेस के विकास और पैसे कमाने पर ध्यान दिया, सबने खूब पैसा कमाया. नतीजा यह हुआ कि फरीदाबाद का विकास नहीं हो पाया, हर रोड पर गड्ढे हो गए, सड़कें दो तीन महीनें बाद ही टूट जाती थीं, घटिया सामाग्री से रोड बनाए जाते थे, कमीशनखोरी की जाती थी, इसी तरह से बिजली-पानी और सीवर की समस्या थी. जनता कांग्रेसी नेताओं के काम से इतना नाराज थी कि कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंका. सभी कांग्रेसी विधायक और मंत्री चुनाव हार गए.
अब भाजपा सरकार है तो भाजपा नेता अपना बिजनेस बढाने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं. नेता लोग अँधाधुंध पैसा कमा रहे हैं, यही वजह है कि सिर्फ रोड के अलावा फरीदाबाद का विकास नहीं हो रहा है, सीवर की समस्या जस की तस है, पानी की समस्या पहले जैसी है, पॉवर कट भी लग रहे हैं. जनता में निराशा है. स्मार्ट सिटी के लिए आये पैसे खर्च ही नहीं हो रहे हैं, साफ़-सफाई का बुरा हाल है, इको-ग्रीन के कर्मचारी खुलेआम अवैध वसूली कर रहे हैं, मुजेसर फाटक रोड का काम नहीं हुआ जिसकी वजह से लाखों लोग परेशान हैं, गाँव में सरपंच खूब घोटाले कर रहे हैं. रोड और इमारतें बनाने में घटिया सामाग्री का इस्तेमाल हो रहा है.
पिछले पांच वर्षों में आपने देखा होगा - हार्डवेयर रोड पर भाजपा विधायिका ने खड़े होकर सरकार जमीन पर कब्जा करवा और प्रशासनिक अधिकारियों को सस्पेंड करवाने की धमकी दी, इसी तरह से शहर के सैकड़ों अवैध निर्माण हुए, ग्रीन बेल्ट पर कब्जे हो रहे हैं, अरावली पर रोजाना अवैध कब्जे, अवैध खनन, अवैध निर्माण की फोटो वीडियो दिखा रहे हैं. यह सब फरीदाबाद की जनता भी देख रही है इसीलिए नेता लोग वोट के लिए इतना परेशान हो रहे हैं.
बिजली चोर बन रहे हैं चौकीदार
इसके अलावा एक विधायक के दो फार्म हाउस/रेस्टोरेंट पर बिजली चोरी पकड़ी गयी. सोची समझी प्लानिंग के तहत तार जोरकर बिजली चोरी की जा रही थी, रिपोर्ट में बिजली चोरी बताया गया है लेकिन विधायक के रसूख के चलते FIR दर्ज नहीं हुई. फरीदाबाद की जनता यह सब देख रही है. इस मामले को किराएदार से जोड़ दिया गया लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि बिजली बिल मालिक के नाम आ रहा था, मालिक को खुद देखना चाहिए था कि कब से बिजली बिल नहीं आ रहा है, बिल क्यों नहीं भरा जा रहा है. बिजली चोरी क्यों की जा रही है.
पिछले पांच वर्षों में आपने देखा होगा - हार्डवेयर रोड पर भाजपा विधायिका ने खड़े होकर सरकार जमीन पर कब्जा करवा और प्रशासनिक अधिकारियों को सस्पेंड करवाने की धमकी दी, इसी तरह से शहर के सैकड़ों अवैध निर्माण हुए, ग्रीन बेल्ट पर कब्जे हो रहे हैं, अरावली पर रोजाना अवैध कब्जे, अवैध खनन, अवैध निर्माण की फोटो वीडियो दिखा रहे हैं. यह सब फरीदाबाद की जनता भी देख रही है इसीलिए नेता लोग वोट के लिए इतना परेशान हो रहे हैं.
बिजली चोर बन रहे हैं चौकीदार
इसके अलावा एक विधायक के दो फार्म हाउस/रेस्टोरेंट पर बिजली चोरी पकड़ी गयी. सोची समझी प्लानिंग के तहत तार जोरकर बिजली चोरी की जा रही थी, रिपोर्ट में बिजली चोरी बताया गया है लेकिन विधायक के रसूख के चलते FIR दर्ज नहीं हुई. फरीदाबाद की जनता यह सब देख रही है. इस मामले को किराएदार से जोड़ दिया गया लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि बिजली बिल मालिक के नाम आ रहा था, मालिक को खुद देखना चाहिए था कि कब से बिजली बिल नहीं आ रहा है, बिल क्यों नहीं भरा जा रहा है. बिजली चोरी क्यों की जा रही है.
मोदी कब तक दिलाएंगे वोट
नेता लोग भी इस बात को भली भाँती समझ रहे हैं कि उनके काम से जनता वोट नहीं देगी, इसीलिए मोदी के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं. हो सकता है कि लोकसभा चुनाव 2019 में जनता मोदी के नाम पर वोट दे दे क्योंकि प्रधानमंत्री पद के लिए कोई और विकल्प नहीं है लेकिन विधानसभा चुनाव में जनता सोच समझकर वोट करेगी. बिजनेसमैन नेताओं को उनकी असली जगह दिखाई जाएगी.
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