फरीदाबाद: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की नेहरू कालेज इकाई ने जलियांवाला बाग में शहादत के 100 वर्ष पूर्ण होने पर पुष्पांजलि अर्पित करके शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की इस अवसर पर छात्र संघ अध्यक्ष कंचन डागर ने जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आज के दिन ही 13 अप्रैल 1930 इतिहास में काली तारीख दर्ज है।
एक बाग़ में शांतिपूर्ण तरीके से प्रर्दशन कर रहे, निहत्थे निर्दोष लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दी गई थी। इस अत्याचार का सबसे बड़ा गुनाहगार जनरल डायर था। उस नरसंहार को आज सौ साल हो गए हैं। हर भारतीय का मन उस त्रासदी से आहत हैं।
इस अवसर पर छात्र संघ उपाध्यक्ष आकाशा डांगर ने कहा कि सभा का आयोजन अंग्रेजों के रौलेंट एक्ट के विरोध में लोग सरकार के खिलाफ गुस्सा प्रकट करने के लिए एकजुट हुए थे। रवि पाण्डेय ने बताया कि इस विरोध की बौखलाहट में अग्रेज शासन ने जलियांवाला में मानवता की हदें पार कर दी।
इन्हीं जख्मों की टीस से भगतसिंह, और उधम सिंह जैसे क्रान्तिकारीयो का जन्म हुआ जलियांवाला बाग की मिट्टी उठाकर उधम सिंह जी ने कसम खाई कि वह निर्दोष हिन्दुस्तानीयो के हत्यारे जनरल डायर को जान से मार देंगे।
20 साल बाद 13 मार्च 1940 को उन्होंने लंदन के कैक्सटन हाल में जनरल डायर की गोली मारकर हत्या कर दी। इस अवसर पर छविल शर्मा, कृष्ण चौहान, विरेन्द्रर डांगर, गौतम, पंकज, नैतिक, मनोज, महेंद्र, आंसू आदि अनेक प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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