फरीदाबाद: लोकसभा क्षेत्र फरीदाबाद से भारतीय जनता पार्टी से टिकट की दावेदारी में सबसे आगे चल रहे मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को रास्ते से हटाने के लिए शाम-दाम-दंड-भेद हर तरह की रणनीति अपनाई जा रही है. कुछ साजिशकर्ताओं ने उनके खिलाफ एक फेक वीडियो वायरल करवा दी है जिसमें किसी शख्श ने आवाज बदलकर और अपनी पहचान छुपाकर कृष्णपाल गुर्जर की संपत्तियों का जिक्र किया है और उनके खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है.
वीडियो बनाने वाले शख्श ने अपनी पहचान छुपाई है जिससे साबित होता है कि उनके पास कृष्णपाल गुर्जर के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. उस वीडियो को व्हाट्सअप ग्रुप्स में खूब शेयर किया जा रहा है जिसका मतलब है कि कृष्णपाल गुर्जर के खिलाफ पूरा गिरोह काम कर रहा है.
कृष्णपाल गुर्जर के समर्थकों ने वीडियो बनाने वाले, वीडियो बनवाने वालों, वीडियो शेयर करने वालों और कृष्णपाल गुर्जर को बदनाम करने की साजिश रचने वालों के खिलाफ IPC की धारा 499 के तहत FIR दर्ज करने की मांग की है.
कृष्णपाल गुर्जर के समर्थकों का कहना है कि - कृष्णपाल गुर्जर के पास पैत्रिक संपत्ति है, वह पहले से अमीर हैं, उनके पास उस समय गाडी हुआ करती थी जब लोगों के पास साइकिल भी नहीं होती थी, उन्होंने स्कूल खोला है तो क्या जुर्म कर दिया, क्या जनता अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में नहीं पढ़ाना चाहती, अगर वह बिजनेस करके पैसा कमाते हैं तो क्या गलत करते हैं, क्या मेहनत करके पैसा कमाना जुर्म है.
वीडियो में कृष्णपाल गुर्जर को चोर आदि बोलकर अपमानित किया गया है. जबकि समर्थकों का कहना है कि कृष्णपाल गुर्जर के पास अपनी हर संपत्ति और पैसे का हिसाब है, सब कुछ इनकम टैक्स को दिखाया गया है, बिजनेस में जितनी भी कमाई होती है उसके अनुसार सरकार को टैक्स दिया जाता है. सरकार और इनकम टैक्स से कुछ भी छिपाया नहीं गया है.
वीडियो में कृष्णपाल गुर्जर के पुत्र और वरिष्ठ उप-महापौर देवेन्द्र चौधरी का जिक्र भी किया गया है जबकि उनके समर्थकों का कहना है कि देवेन्द्र चौधरी को जनता ने जिताकर पार्षद बनाया, उन्हें सरकार ने वरिष्ठ उपमहापौर बनाया, क्या इससे कोई चोर और बेईमान हो जाता है.
केपी के समर्थकों का का यह भी कहना है कि - कृष्णपाल गुर्जर ने कहीं कब्जा किया है तो बताएं, कोई अवैध कारोबार है तो बताएं, किसी के साथ धोखा किया है तो बताएं, किसी के साथ लूट की है तो बताएं, कोई और गलत का हो तो बताएं. उन्हें इस तरह से चोर और बेईमान बोलकर अपमानित करना क्राइम है.
वीडियो में कृष्णपाल गुर्जर के पुत्र और वरिष्ठ उप-महापौर देवेन्द्र चौधरी का जिक्र भी किया गया है जबकि उनके समर्थकों का कहना है कि देवेन्द्र चौधरी को जनता ने जिताकर पार्षद बनाया, उन्हें सरकार ने वरिष्ठ उपमहापौर बनाया, क्या इससे कोई चोर और बेईमान हो जाता है.
केपी के समर्थकों का का यह भी कहना है कि - कृष्णपाल गुर्जर ने कहीं कब्जा किया है तो बताएं, कोई अवैध कारोबार है तो बताएं, किसी के साथ धोखा किया है तो बताएं, किसी के साथ लूट की है तो बताएं, कोई और गलत का हो तो बताएं. उन्हें इस तरह से चोर और बेईमान बोलकर अपमानित करना क्राइम है.
कृष्णपाल गुर्जर के समर्थकों ने फरीदाबाद पुलिस साइबर सेल से मांग की है कि साजिशकर्ताओं के खिलाफ IPC की धारा 499 के तहत FIR दर्ज की जाए, साइबर सेल दो मिनट में साजिशकर्ताओं और वीडियो शेयर करने वालों का पता लगा सकती है, वीडियो वायरल करने वालों और व्हाट्सअप ग्रुपों के शेयर करने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिए. अब देखते हैं कि पुलिस इस पर क्या एक्शन लेती है.
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