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सोते रहे अधिकारी-चौकीदार, मटियामहल में भू-माफियाओं ने बना लिए अपने महल, केस करेंगे LN पाराशर

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फरीदाबाद: बल्लभगढ़ के अंबेडकर चौक स्थित मटिया महल की जमीन पर कराए जा रहे अवैध निर्माण को हाल में  नगर निगम दस्ते ने धराशायी किया था लेकिन वहाँ फिर अवैध निर्माण शुरू हो गए हैं।  वकील एल एन पाराशर ने आज मटिया महल का दौरा किया और वहां पर निर्माण देखकर हैरान रह गए, उन्होंने इस मामले में केस करने का विचार किया है.

वकील एल एन पाराशर ने कहा - मंगलवार मैं मौके पर गया था जहाँ मैंने देखा कि तोड़फोड़ को माफियाओं ने फिर दुरुस्त कर लिया है। पाराशर ने कहा कि बिना अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसा संभव नहीं है।

पाराशर ने कहा कि माफियाओं ने यहाँ हद कर ऱखी है। पहले इन्होने ऐतिहासिक  मटिया महल के इतिहास को नेस्तनाबूद किया फिर  भूमाफियाओं ने निगम अधिकारियों की मिली भगत से यहां चमचमाती आलीशान बिल्डिंग खडी कर ली है। इस करोड़ों रुपये के भूमि घोटाले मे सबसे बडा सवाल यह है कि यदि यह भूमि निजी संपत्ति थी तो आज से करीब पांच साल पहले जब भूमाफियाओं ने मिलीभगत से मटिया महल को गिराकर कब्जा करने की कोशिश की तो तत्कालीन जिला उपायुक्त ने यहाँ क्यों सरकारी भूमि होने का बोर्ड लगाया। इससे भी बडी बात यह है कि काफी समय पहले  प्रशासन ने इस खसरा नंबर 195 की भूमि पर 5 लोगों द्वारा कब्जा किए जाने पर उनके खिलाफ पी.पी एक्ट के तहत मुकद्दमे दर्ज कर  तत्कालीन एसडीएम अंजू चौधरी की कोर्ट मे केस चलाया था।
अब करीब 2 साल पहले नगर निगम ने इस खसरा नंबर195 की 786 गज जगह मे से कुछ जगह का रेजिडेंशियल नक्शा पास कर दिया। ऐसे मे सवाल यह है कि यदि यह भूमि सरकारी है तो कैसे इसका नगर निगम ने नक्शा पास कर दिया यानि करोड़ों रुपये की भूमि मिलीभगत से भूमाफियाओं को सौंप दी गई। ओर यदि यह भूमि निजी थी तो क्यों इस पर सरकारी भूमि होने का बोर्ड लगाया गया और क्यों पी.पी एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए। यह जांच का विषय है। पाराशर ने मांग की कि  नगर निगम कमिशनर को इस घोटाले की तह तक पहुंच कर जांच करनी चाहिए।
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Ballabgarh

Faridabad News

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