फरीदाबाद: अरावली पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियाँ उड़ाने वालों के लिए बुरी खबर है। कान्त एन्क्लेव पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी कई जगह चल रहे रहे निर्माण को लेकर बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एल एन पराशर ने बड़ा कदम उठाते हुए सुप्रीम कोच में याचिका दायर करने जा रहे हैं। बुद्धवार सुप्रीम कोर्ट पहुंचे एडवोकेट पाराशर ने बताया कि गुरुवार याचिका फ़ाइल हो जाएगी जिसमे कांत एन्क्लेव ही नहीं अरावली के सभी अवैध निर्माण ढहाए जाएँ और कांत एन्क्लेव पर सुप्रीम के आदेश का तुरंत पालन किया जाये और जिन अधिकारीयों की लापरवाही से अरावली पर अवैध निर्माण जारी हैं उन पर तुरंत कार्यवाही की जाए।
पराशर ने कहा कि 11 सितम्बर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के फरीदाबाद में अरावली पर्वतीय इलाके में अवैध तरीके से निर्मित कांत एंक्लेव को 31 दिसंबर तक पूरी तरह ढहा देने का आदेश दिया था। इसके बाद अधिकारी आदेशों की लीपापोती अब तक कर रहे हैं। पराशर ने कहा कि उस आदेश में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की स्पेशल बैंच कहा था कि अरावली पर 18 अगस्त 1992 के बाद हुए अवैध निर्माण ढहा दिए जाएँ लेकिन आदेश के बाद अरावली पर अवैध निर्माण जारी हैं। पाराशर ने जो याचिका फ़ाइल की है उसमे उन्होंने डिलाइट गार्डन पर चल रहे निर्माण की तस्वीरों सहित कई अन्य निर्माण की तस्वीरें संलग्न की है। संलग्न तस्वीरों में कई नेताओं और अधिकारियों के फ़ार्म हॉउस की तस्वीरें भी शामिल हैं।
पराशर ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जिया उड़ाते हुए फटाफट पीएलपीए में संशोधन का प्रस्ताव विधानसभा में पास करवा लिया और अवैध निर्माण कर्ताओं को बचाने का प्रयास किया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाल में हरियाणा सरकार को भी जमकर फटकार लगाईं और संशोधन बिल पर रोक लगा दिया इसके बाद भी अरावली पर अवैध निर्माण जारी हैं जिस कारण मुझे सुप्रीम कोर्ट जाने पर मजबूर होना पड़ा। पाराशर ने कहा कि अरावली पर जितने भी अवैध निर्माण जारी हैं या हुए हैं हर किसी को जल्द ध्वश्त करवाऊंगा और अरावली को माफियाओं के हांथों लुटने नहीं दूंगा।
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