फरीदाबाद: लगभग एक हफ्ते पहले बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट एल एन पराशर ने आयुष्मान भारत योजना को लेकर हरियाणा सरकार पर सवाल उठाया था और वकील पाराशर ने कहा था कि फरीदाबाद की बड़ी अस्पतालों में गरीब इस योजना का कार्ड लेकर जाते हैं तो उन्हें धक्के खाना पड़ता है और कई बड़ी अस्पतालों में ये सुविधा लागू नहीं है।
इस मामले को लेकर पाराशर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री और गृह सचिव को पत्र लिखा था। वकील पाराशर का ये अभियान भी रंग लाया है और इस मामले को लेकर हरियाणा के मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने सम्बंधित अधिकारियों संग हाल में समीक्षा बैठक का आयोजन कर बताया कि हरियाणा की 178 निजी अस्पताल इस योजना को लागू करने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 304 अस्पतालें इस योजना के पैनल में हैं।
इस मामले को लेकर पाराशर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री और गृह सचिव को पत्र लिखा था। वकील पाराशर का ये अभियान भी रंग लाया है और इस मामले को लेकर हरियाणा के मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने सम्बंधित अधिकारियों संग हाल में समीक्षा बैठक का आयोजन कर बताया कि हरियाणा की 178 निजी अस्पताल इस योजना को लागू करने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 304 अस्पतालें इस योजना के पैनल में हैं।
इस बैठक को लेकर वकील पाराशर ने कहा कि सरकार फ़टाफ़ट इस योजना को फरीदाबाद सहित हरियाणा की बड़ी अस्पतालों में लागू करे ताकि गरीब दर-दर न भटकें।
वकील पाराशर ने कहा कि चार जनवरी को मैंने हरियाणा के सीएम और मुख्य सचिव को पत्र लिख बताया था कि फरीदाबाद की बड़ी अस्पतालें जिसमे एशियन अस्पताल, मेट्रो अस्पताल और कई बड़ी अस्पतालों में ये सुविधा नहीं है और गरीब कार्ड लेकर जाते हैं तो उन्हें यहाँ धक्के मारकर बाहर कर दिया जाता है।
वकील पाराशर ने कहा कि सरकार कहती है कि इस योजना में पांच लाख तक का इलाज मुफ्त है और जिन अस्पतालों में इस योजना को लागू किया गया है उनमे बड़ी बीमारियों का इलाज होता ही नहीं है। वकील पाराशर ने कहा कि हरियाणा के मुख्य सचिव ढेसी को फिर मैं पत्र लिखूंगा कि फरीदाबाद की सभी बड़ी अस्पतालों में जल्द से जल्द इस योजना को लागू किया जाए।
वकील पाराशर ने कहा कि चार जनवरी को मैंने हरियाणा के सीएम और मुख्य सचिव को पत्र लिख बताया था कि फरीदाबाद की बड़ी अस्पतालें जिसमे एशियन अस्पताल, मेट्रो अस्पताल और कई बड़ी अस्पतालों में ये सुविधा नहीं है और गरीब कार्ड लेकर जाते हैं तो उन्हें यहाँ धक्के मारकर बाहर कर दिया जाता है।
वकील पाराशर ने कहा कि सरकार कहती है कि इस योजना में पांच लाख तक का इलाज मुफ्त है और जिन अस्पतालों में इस योजना को लागू किया गया है उनमे बड़ी बीमारियों का इलाज होता ही नहीं है। वकील पाराशर ने कहा कि हरियाणा के मुख्य सचिव ढेसी को फिर मैं पत्र लिखूंगा कि फरीदाबाद की सभी बड़ी अस्पतालों में जल्द से जल्द इस योजना को लागू किया जाए।
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