फरीदाबाद: शहर के तमाम बड़े विभागों के अधिकारी अपना काम काज ठीक से नहीं करते जिस कारण शहर की जनता परेशान रहती है और शहर के कई तरह के माफिया शहर को लूट खसोट रहे हैं, कई जगह अवैध निर्माण हो रहे हैं, कई जगह अवैध खनन हो रहे हैं, अरावली पहाड़ पर पत्थरों की चोरी हो रही है, हर जगह यही नजारा दिखता है.
इन करतूतों के खिलाफ छोटे मोटे अधिकारियों से शिकायत करने पर कोई कार्यवाही नहीं होती वहीँ जिला उपायुक्त और निगमायुक्त के मोबाइल नंबर सार्वजनिक नहीं हैं जिसकी वजह से शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं के पास शिकायत करने का कोई आप्शन नहीं है, अगर इन दोनों अधिकारियों के पास शिकायत करने जाएं तो इनके ऑफिस के बाहर लाइन लगानी पड़ती है.
इसी बात को देखते हुए बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एल एन पाराशर ने जिला उपायुक्त और निगमायुक्त के मोबाइल नंबर सार्वजनिक करने की मांग की है ताकि इन अफसरों से डायरेक्ट शिकायत करके भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही करवा सकें.
वकील एल एन पाराशर ने कहा - इसी हप्ते मैं अरावली पर गया था और सूरजकुंड पाली रोड के पास पत्थर खनन और अवैध तरीके से पहाड़ पर कब्जे की वीडियो खनन विभाग के अधिकारी संजय सिम्भरवाल के पास मीडिया के माध्यम से भिजवाया था लेकिन सोमवार मैंने पता करवाया कि कोई कार्यवाही हुई या नहीं तो खनन विभाग के अधिकारी संजय सिम्भरवाल ने कहा कि अभी तक उन्होंने वो वीडियो देखा ही नहीं। पाराशर ने कहा कि हम रिष्क लेकर जंगल में जाते हैं, पहाड़ पर जाते हैं और वहाँ के वीडियो बनाते हैं और अधिकारी उसे देखते ही नहीं ताकि वो अपनी जिम्मेदारी से बच सकें।
पाराशर ने कहा कि अधिकतर अधिकारी अपने दफ्तर में नहीं मिलते, उनके किसी तरह अवैध कब्जे या अवैध अतिक्रमण या अवैध खनन की तस्वीरें या वीडियो भेजो तो वो देखते तक नहीं जिससे साफ़ साबित होता है कि फरीदाबाद के अधिकारी कितने लापरवाह हैं।
वकील पाराशर ने कहा कि कई राज्यों में कुछ बड़े अधिकारी अपना फोन नंबर सार्वजनिक करते हैं लेकिन फरीदाबाद के अधिकतर बड़े अधिकारी अपना नंबर छुपा के रखते है ताकि वो डिस्टर्ब न हो सकें। पाराशर ने कहा कि इन अधिकारियों को जो सैलरी मिलती है वो जैता के टैक्स से मिलती है इसलिए इन्हें जनता की शिकायतों को सुनने और निपटाने के लिए अपना फोन नंबर सार्वजनिक करना चाहिए।
एल एन पाराशर ने हरियाणा के सीएम को पत्र लिख मांग की कि नगर निगम कमिश्नर, जिला अधिकारी, हुड्डा प्रशासक का फोन नंबर सार्वजानिक करवाया जाए और अन्य विभागों के अधिकारियों के नंबर भी सार्वजनिक हों ताकि जनता अपनी समस्या उन तक पहुंचा सके।
पाराशर ने कहा कि नगर निगम और खनन विभाग के अधिकारी सबसे बड़े लापरवाह हैं। उन्होंने कहा कि अनंगपुर में अरावली पर अवैध बोरिंग की सूचना दिए हुए एक हफ्ते से ज्यादा हो गए लेकिन ये अधिकारी अब तक वहाँ नहीं पहुँच सके जिसे देख लगता है कि इन्ही अधिकारियों की मिलीभगत से अरावली का सरेआम चीरहरण हो रहा है।
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