फरीदाबाद, 6 दिसम्बर: फरीदाबाद में लुटेरों का आतंक जारी है, आज लुटेरों की चपेट में हरियाणवी एक्टर दीपक सैनी भी आ गए. बदमाशों ने उनसे 6000 रुपये नकद, सोने की अंगूठी, चैन और 2 ATM कार्ड लूट लिए. दीपक सैनी को किडनैप करने का प्रयास किया जा रहा था लेकिन उनके पिता ने आकर उनकी जान बचा ली.
दीपक सैनी ने दी वारदात की जानकारी
कल भगवान की दया से मैं मौत के मुँह से निकला हूँ। कल रात करीब 9 बजे मैं अपने घर से निकला। करीब 1 KM ही चला हूँगा। इतने में बल्लबगढ़ मेट्रो स्टेशन के सामने NH1 HIGHWAY के FLYOVER पर पहुंचने के बाद मुझे गाड़ी में कुछ दिक्कत महसूस हुई तो मैं गाड़ी को चेक करने बाहर उतरा और अपने पिताजी को फ़ोन करके बताया कि पापा जी आप यहां आ जाइये मेरी गाड़ी दिकत कर रही है।
फ़ोन काटते ही अचानक से 2 बदमाश आये जो कि हथियारों से लैस थे। उन्होंने मेरी कनपटी पर पिस्टल रख दी। और मुझे धक्का देकर गाड़ी में ही ड्राइवर सीट पर वापिस बिठा दिया। और गाड़ी का दरवाजा बंद करके ड्राइवर सीट की विंडो के बाहर बाइक अड़ाकर खड़े हो गए। ताकि मैं भाग ना सकूँ। उसके बाद उन्होंने मेरा नाम वगेरह पूछा। और मेरी और मेरी गाड़ी की तलाशी लेने लगें। गाड़ी की तलाशी लेने के बाद उन्होंने मेरे गले से 1 सोने का हनुमान जी का लॉकेट, अंगूठी, करीब 6000 रुपए लूट लिए।
ये सब लूटने के बाद भी वो मेरे को गोली मारने का हवाला देते हुए उनके साथ बाइक पर चलने की जिद करने लगे। लेकिन मैंने मना कर दिया उन लोगो के साथ जाने के लिए। लेकिन वो बार बार किडनैपिंग के लिए फ़ोर्स करने लगे। लेकिन मैंने साफ मना कर दिया कि कुछ भी हो जाये मैं उनके साथ नही जाऊंगा। इसी 10 मिनट तक चली झड़प के बीच मेरे पापा और उनके साथ 1 लड़का मेरे पास पहुंच गए। मेरे पिताजी के पहुंचते ही वो बदमाश अचानक सहम गए और वहाँ से भाग गए।
दीपक सैनी ने बताया कि मुझे एक बात हैरान कर रही है वो बदमाश मेरा 30000 का फ़ोन जो कि मैंने पिछले हफ्ते ही लिया था उसको नही ले गए। मना कर दिया कि फ़ोन नही ले रहे। तू हमारे साथ चल, मेरे पापा मेरे लिए फरिस्ता बनकर आये। और वो बदमाश जो कि किडनैपिंग की सोच रहे थे उनको भागना पड़ा।
इस वारदात के तुरंत बाद मैंने 100 नंबर पर फ़ोन किया जिसकी रिकॉर्डिंग मेरे पास है और पुलिस को इस घटना के बारे में बताया। पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। और कोशिश की जा रही है उन बदमाशो का पता चल सके। मैं बस यही कहना चाहूंगा कि मेरे पिताजी आज मेरे लिए फरिस्ता बन कर आये। अगर वो टाइम से नही पहुंचते तो शायद कुछ बुरा भी हो सकता था। मेरा परिवार इस घटना से सदमे में है। मैं अपने सभी साथियों से माफी चाहूंगा। मुझे अगले हफ्ते के सारे प्रोग्राम कैंसिल करने पड़ेंगे।
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