फरीदाबाद: पिछले हप्ते फरीदाबाद के सेक्टर 21 बी में दिनेश शर्मा नाम के युवक पर हुए हमले में कई लोगों के नाम हैं। इन्ही नामों में एक युवक दिनेश धनकड़ और आदित्य कातिया का भी है।
दिनेश धनकड़ के परिजन आज फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर से मिले और उनका कहना था कि दिनेश और आदित्य उस मामले में नहीं था और वो पूरी तरह से बेगुनाह है।
सीपी को दी गई लिखित शिकायत में लिखा गया है कि - मैं सूरज पुत्र राधे निवासी गांव मच्छगर तहसील फरीदाबाद का निवासी हूँ। दिनेश और आदित्य के पिता ने सीपी से बताया कि बारदात वाले दिन दिनेश सेक्टर दो में था जबकि आदित्य उर्फ़ कातिया सेक्टर 10 के इन्विटेशन बेन्कट हाल में मौजूद था। जहाँ एक मीटिंग चल रही है।
सूरज ने सीपी से बताया कि उनके दोनों बेटों का इस मामले से कोई ताल्लुक नहीं है और उन दोनों को जानबूझकर किसी साजिश के तहत फंसाया गया है। उनके मुताबिक उनके बेटों पर लगाए गए आरोप सरासर झूंठे हैं। दिनेश और आदित्य के पिता ने सीपी से मांग की है कि इस मामले की किसी उच्च अधिकारी से जांच करवाई जाए ताकि उनके बेटे किसी झूंठे आरोप में फंसने से बच सकें।
दिनेश और आदित्य के पिता की बात सुनने के बाद पुलिस कमिश्नर ने कहा कि वो मामले की जांच करवाएंगे और किसी भी बेगुनाह को किसी झूंठे मामले में नहीं फंसने दिया जाएगा।
क्या लिखा है FIR में
FIR में दी गयी सूचना के मुताबिक़ - मैं दिनेश शर्मा पुत्र रामदत्त शर्मा उम्र 29 वर्ष, निवासी मकान नंबर P-133, एसजीएम नगर का रहने वाला हूँ, मेरा पुरानी कारें खरीद-फरोख्त व हल्के फाइनेंस का काम है इसलिए मैं अपने काम में व्यस्त रहता हूँ. पिछले लगभग एक डेढ़ साल से आदित्य कातिया (ग्राम मछगर) एवं उसकी गैंग के लोग कई बार मुझसे प्रोडक्शन मनी, रंगदारी की रकम मांग रहे हैं और ना देने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं लेकिन मैंने इन व्यक्तियों की धमकियों को कभी सीरियसली नहीं लिया.
दिनांक 3 नवम्बर 2018 को शाम के लगभग 10.30 बजे पर मैं किसी कार्यवश ओपोरूप होटल, मकान नंबर 94, सेक्टर-21B फरीदाबाद आया था और होटल के प्रथम तल पर पहुंचा था कि तभी लगभग 20-25 लोग जिनके हाथों में पिस्टल, लोहे की रॉड, लोहे के हथौड़े थे, वहां चार गाड़ियों में पहुंचे, एक गाडी XUV-8080 सफ़ेद रंग, एक स्कॉर्पियो 8080 काला रंग, एक टीयूवी ग्रे कलर बिना नंबर प्लेट, एक मारूति स्विफ्ट सफ़ेद कलर बिना नंबर प्लेट, वहां पहुंचे, उनमें से मैं कुछ को अच्छी तरह से पहचानता हूँ जिनके नाम हैं -
- जीरो उर्फ़ मनोज उसके हाथों में पिस्टल थी (आदित्य कात्या का भाई, गाँव - मछगर)
- दिनेश के हाथों में पिस्टल थी (आदित्य कात्या का भाई, गाँव - मछगर)
- राजू देशभाल निवासी फतेहपुर चंदेला, निवासी छोड़ी, पिस्टल लिया था
- शिवराम निवासी पृथला, पिस्टल लिया था
- प्रीतम निवासी मछगर,
- चिड्डी निवासी दयालपुर
- ऋषि, निवासी फतेहपुर चंदेला
- भोपाल खटाना, निवासी डबुआ
- जीतन, निवासी जाजरू
इन सभी ने हथौड़े व लोहे की रोड थी, इन्होने आते ही मुझे घेर लिया और सभी ने कहा कि आज इस पंडित को ख़त्म कर देते हैं ताकि पूरी NIT हमें आराम से हफ्ता वसूली अदा करेगा और यहाँ हमारा साम्राज्य स्थापित हो जाएगा. इसके बाद जीरो उर्फ़ मनोज ने अपने हाथ में पिस्टल तानकर मुझपर गोली चलाई लेकिन गोली मिस होकर अन्दर फंस गयी. फिर शिवराम ने गोली चलाई जो फर्श में लगी, इसके बाद शोर शराबा सुनकर होटल के आसपास लोग इकठ्ठा होने लगे तो इन सबने मुझे सीधा लिटा दिया और हथौड़े और रॉड से मेरे सामने की तरफ से पैरों पर मारने लगे और कई जगह से पैरों को तोड़ दिया, उसके बाद मेरे उलटे हाथ पर भी रॉड और हथौड़ा मार मारकर तोड़ दिया गया. इसके बाद मेरी छाती पर हथौड़ा मार मार कर मेरी पसलियाँ तोड़ दी गयीं, इसके बाद मुझे उल्टा लिया दिया गया और पीछे से मेरे पैरों और हाथों पर हथौड़े से वार करके हड्डियों का चूरमा बना दिया गया, मैं पुरानी कार खरीदने गया था, मेरी जेब में 50 हजार रुपये थे वह भी लूट लिया.
इसके बाद भी वे लोग निडर होकर मेरे मरने का इन्तजार करने लगे, जब उन्हें लगा कि मैं मर गया हूँ तो वह लोग मुझे छोड़कर चले गए, इसके बाद किसी ने 100 नंबर पर इसकी सूचना पुलिस को दी, पुलिस ने मुझे एशियन हॉस्पिटल में भर्ती कराया है, तब से मैं ICU में जिंदगी और मौत से लड़ रहा हूँ, इन लोगों ने मुझे मारकर छोड़ा था लेकिन भगवान ने मेरी जिंदगी बचाई है लेकिन मैं जिंदगी भर के लिए अपाहिज बन गया हूँ, कृपया उक्त सभी लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जाए. मैंने यह बयान अपने पिताजी की मौजूदगी में दिए हैं, अगर मुझे कुछ होता है तो यही मेरा आखिरी बयान समझा जाए.
युवक की शिकायत पर NIT थाना पुलिस ने मुकदमा नंबर 469 दिनांक 11.11.2018 धारा - 148, 149, 323, 325, 307, 384, 511, 379B, 506 IPC, 25, 54,59 Arms Act के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
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