फरीदाबाद: खट्टर सरकार में सरकारी स्कूलों को सुधारने पर विल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया जिसकी वजह से जनता प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने को मजबूर है, जनता की मजबूरी का फायदा उठाकर प्राइवेट स्कूल वाले अभिभावकों को दोनों हाथों से लूट रहे हैं. प्राइवेट स्कूल वाले मोटी फीस तो वसूलते ही हैं, खुद की ड्रेस बेचते हैं, काफी-किताब और हर चीज कई गुना दामों में बेचकर मोटा मुनाफ़ा कमाते हैं, प्राइवेट स्कूल माफियाओं का एक गैंग है जो मिलकर अभिभावकों को लूटते हैं.
सरकारी स्कूलों को नरक बनाकर जनता को प्राइवेट स्कूल वालों के हाथों से लुटवाने वाली हरियाणा की खट्टर सरकार हर वर्ष गीता जयंती मनाना नहीं भूलती. इस वर्ष भी गीता जयंती मनाने की तैयारी शुरू हो गयी है, आज दिल्ली में लाल किले पर प्रेस वार्ता की गयी.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस अवसर पर गीता मनीषी श्री ज्ञानानंद जी महाराज ने दीपशिखा जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह महोत्सव 7-23 दिसंबर तक हरियाणा के कुरुक्षेत्र मे किया जायेगा। इस मेले मे पूरे भारत की छटा देखने को मिलेगी। धार्मिक और सांस्कृतिक प्रोग्राम रखे जायेंगे।
अब सवाल यह उठता है कि प्राइवेट स्कूल मालिकों द्वारा दोनों हाथों से लुटने वाले बच्चे और उनके माँ-बाप क्या श्रीमद भागवद गीता में अपना ध्यान लगा पाएंगे. खासकर, हमारे बच्चे, जिसके मन में यह सन्देश जा रहा है कि जिस प्राइवेट स्कूल में हम पढ़ते हैं वह हमारे माँ-बाप को लूट रहा है, ऐसे में बच्चे गीता का सन्देश कहाँ से सीख पाएंगे जिनको शिक्षा देने वाले स्कूल ही उन्हें लूट रहे हैं.
खट्टर सरकार को पहले सरकारी स्कूलों की हालत सुधारनी चाहिए, जो पैसा गीता जयंती मनाने में खर्च हो रहे हैं वही पैसे सरकारी स्कूलों को सुधारने, वहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने पर खर्च करना चाहिए ताकि आम लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ा सकें, अगर सरकारी स्कूलों की हालत सुधरेगी तो प्राइवेट स्कूलों पर फीस घटाने का दबाव बनेगा और उनकी लूट ख़त्म होगी.
खैर.. जब कोई नेता सत्ता के मद में चूर हो जाता है तो उसकी आँखों पर ग़लतफ़हमी का चश्मा चढ़ जाता है और यही चश्मा इस वक्त मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की आँखों पर चढ़ गया है, उन्हें सब कुछ ठीक दिखाई दे रहा है लेकिन प्राइवेट स्कूल वालों की लूट से परेशान जनता इन्हें सबक जरूर सिखाएगी.
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