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सावधान, फरीदाबाद में चंदा मांग रहे कश्मीर के एजाज, बिलाल और उनके साथी, फोटो खींचने पर दी धमकी

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फरीदाबाद, 23 नवम्बर: बिना जानकारी के किसी को भी चंदा देना सही नहीं है, क्या पता आपका पैसा किस काम में लग रहा है, हो सकता है आपका पैसा कश्मीर में आतंकवाद फैलाने में इस्तेमाल किया जा रहा हो, कुछ गलत लोग नागरिकों के भोलेपन का फायदा उठाते हैं और चंदा मांगने निकल पड़ते हैं. इसी तरह से फरीदाबाद में कश्मीर के एजाज, बिलाल और उनके सैकड़ों साथी चंदा मांग रहे हैं. आज ये लोग NIT-2 E ब्लाक में भी चंदा मांग रहे थे. ये लोग सभी घरों के गेट पर खड़े हो जाते हैं और उनसे जबरदस्ती चंदा मांगते हैं. नहीं देने पर काफी देर तक गेट पर खड़े होकर अन्दर देखते रहते हैं, घर में महिलाएं होती हैं इसलिए इनसे पीछा छुटाने के लिए पैसे दे देती हैं, जब कोई महिला 100 रुपये देती हैं तो ये उनसे और पैसे मांगते हैं. नीचे कुछ फोटो दी जा रही है जिसमें ये लोग गेट पर या गेट के अन्दर घुसकर पैसे मांग रहे हैं जबकि किसी के गेट के अन्दर बिना मतलब के झांकना भी गलत है.

ये लोग मेरे घर पर आये इनके हाथ में परचा था, मैंने पर्चे की फोटो खींची और हट्टे कट्टे लड़के का नाम पूछा तो उसनें अपना नाम एजाज बताया और कहा कि मैं कश्मीर का रहने वाला हूँ, वहां से हमें हटा दिया गया है, वहां पर युद्ध का माहौल है, हम लोग दिल्ली में नेशनल स्टूडेंट कैम्प में रहते हैं. हमारे पास पैसे नहीं हैं. 

एजाज ने जो परचा लिया था उसमें अंग्रेजी भाषा में लिखा हुआ था जिसे मैं हिंदी में लिख रहा हूँ - ये पर्चे वाला प्रभावित इलाके का है, ये और इसके साथी पीड़ित हैं और उस प्रभावित इलाके में तबाह हो गए हैं, अब 550 परिवार बिना छतों के कैम्पों में रह रहे हैं.

इन्हें राशन, पैसे, कम्बल और दूसरी मदद चाहिए, मैं सभी लोगों से और संस्थाओं से अपील करता हूँ कि हमारे दोस्तों की मदद की जाए.पर्चे पर न्यू शास्त्री पार्क, कुंदन लाल पेट्रोल पंप के पीछे, दिल्ली - 110053. एड्रेस लिखा हुआ है. मोबाइल नंबर - 91-8512056715, 91-8825014688 लिखा हुआ है. पर्चे पर किसी ऑफिसर या संस्था के पदाधिकारी का नाम नहीं लिखा है. नेशनल रिलीफ कैम्प और कैम्प प्रेसिडेंट की मोहर भी लगी है लेकिन पदाधिकारियों का नाम नहीं लिखा है तो शक पैदा करता है.

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इसके बाद मैंने एजाज की फोटो खींची तो उसे बुरा लगा, उसनें कहा कि आपने मेरी फोटो क्यों खींची, हमने कहा कि अगर कोई हमारे घर पर आकर गलत तरीके से चंदा मांगेगा तो हम जरूर उसके बारे में जानकारी हासिल करेंगे और उसकी फोटो खींचेंगे. एजाज को बुरा लगा और वह नाराज होकर चला गया, ये है एजाज की फोटो. फोटो खींचते देखकर उसनें जान बूझकर ऑंखें बंद कर लीं.


इसके बाद मैंने और लड़कों की फोटो खींची तो एजाज के साथ आये थे. ये सभी लोग दूसरे घरों के गेट पर खड़े होकर महिलाओं से जबरदस्ती उन्हें मजबूर करके चंदा मांग रहे थे.


ये बिलाल है तो एक घर में महिला से जबरदस्ती चंदा मांग रहा था, यह भी एजाज के साथ ही आया था.

  
फोटो खींचने की वजह से एजाज हमारे घर से नाराज होकर गया था, वह एक युवक को लेकर फिर से आया. मैंने उस युवक का नाम पूछा तो उसने बिलाल बताया. दोनों में मुझपर फोटो डिलीट करने का दबाव बनाया. मैंने कहा कि जब आप कोई गलत काम नहीं कर रहे तो फोटो खींचने से क्यों डर रहे हो. उसके बाद बिलाल ने बताया कि हम लोग अपने काम को मीडिया में नहीं दिखा सकते वरना हम लोगों को कश्मीर में दोबारा नहीं जाने दिया जाएगा. इसके बाद दोनों मुझपर नाराज और गुस्सा होने लगे, मुझे अपनी जान का खतरा महसूस हुआ, जिस प्रकार ये लोग फोटो खींचने से डर रहे थे मुझे लगा ये दोनों कोई खतरनाक व्यक्ति हैं, मैंने अपना गेट बंद कर लिया, इसके बाद एजाज ने जबरदस्ती मेरे घर में घुसने का प्रयास किया तो मैंने कैमरा निकाल लिया, इसके बाद एजाज ने अपना मुंह छुपा लिया, देखिये गेट पर खड़े हुए एजाज की फोटो.


हमको दोबारा से फोटो खींचते देखकर दोनों वहां से चले गए और धमकी भी दे गए. ये देखिये दोनों की एक जाते मेरे घर से जाते हुए फोटो.


अब सवाल यह उठता है कि कश्मीर में कौन सा युद्ध हो रहा हो जिसकी वजह से वहां के मुसलामानों को भागकर दिल्ली में कैम्प में रखा गया है. आजतक किसी भी अखबार में खबर नहीं आयी कि कश्मीर के मुसलामानों को युद्ध की वजह से विस्थापित किया गया है.

दूसरा सवाल यह उठता है कि अगर ये लोग गलत काम नहीं कर रहे हैं तो ये लोग फोटो खींचने से डरे क्यों और फोटो डिलीट करवाने के लिए दोबारा क्यों आये.

तीसरा सवाल यह उठता है कि इन्होने एक पत्रकार को धमकी क्यों दी. कहीं ये लोग खतरनाक व्यक्ति तो नहीं हैं, जब मैंने खुद को पत्रकार बताया तो ये लोग और डर गए.

चौथा सवाल - जिस प्रकार से ये लोग चंदा मांग रहे हैं, कहीं भोलेभाले लोगों का पैसा किसी गलत काम में जैसे कश्मीर में आतंकवाद बढाने में तो नहीं इस्तेमाल हो रहा है. 

पुलिस को तुरंत इन लोगों को पकड़कर इनकी जांच करनी चाहिए, पर्चे पर दो मोबाइल नंबर लिखे हैं उसकी भी जांच करनी चाहिए. इनके चंदे का पैसा कहाँ जा रहा है, इसकी भी जांच करनी चाहिए.

इससे भी हैरानी की बात ये है कि ये लोग गेट पर खड़े होकर अन्दर तक झांकते हैं, फरीदाबाद में कई बार ऐसी ख़बरें सामने आयी हैं कि कुछ लोग दिन में चंदा या भीख मांगने के लिए घूमते हैं और रात में लूट की वारदातों को अंजाम देते हैं क्योंकि इन्हें दिन में पता चल जाता है कि कौन से घर में किस तरह का गेट लगा हुआ है. किस तरह से अन्दर घुसा जा सकता है. ये दिन में पूरा आइडिया ले लेते हैं और रात में काण्ड करते हैं. पुलिस को सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर जांच करनी चाहिए.
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