फरीदाबाद, 9 अक्टूबर: फरीदाबाद में करीब 1 साल पहले हुए गैंगरेप और बंधक बनाने का मामला एक बार फिर से गरमा सकता है, पुलिस ने चीफ मिनिस्टर और हरियाणा डीजीपी के आदेश पर 10 महीनें बाद यह मामला दर्ज किया था लेकिन मामला दर्ज करने के बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया उल्टा पीडिता को थाने में बुलाकर बयान पर बयान लिए जाते रहे और उसका मेंटल टॉर्चर किया गया.
अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक वकील पीड़िता की मदद कर रहे हैं, उनका कहना है कि पुलिस वालों ने आरोपियों को बचाने के लिए इतनी गलतियाँ कर दी हैं कि अब ना तो आरोपी बचेंगे और ना ही उनको बचाने वाले पुलिस वाले, इस मामले में कई बड़े पुलिस अधिकारी फंस सकते हैं और इसकी आंच पुलिस कमिश्नर तक आ सकती है क्योंकि पीडिता ने कई बार उनसे मिलकर इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच या अन्य अधिकारी से कराने की मांग की लेकिन वह हर बार पीडिता को बल्लभगढ़ DCP या ACP के पास भेज देते थे, इसके अलावा बल्लभगढ़ महिला थाना प्रभारी इन्दू बाला का पहले ही ट्रान्सफर हो चुका है.
सुप्रीम कोर्ट के वकील का कहना है कि प्रॉपर्टी से जुड़े इस मामले में ऐसे अनेक सबूत हैं जो बहुत बड़े कांड का खुलासा करेंगे, गैंगरेप के आरोपियों के अलावा इस मामले में प्रॉपर्टी खरीद-बेचने में जालसाजी, फ्रॉड, धोखाधड़ी, साजिश रचकर गैंगरेप करवाने जैसे कई मामले सामने आयेंगे इसलिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले की जांच CBI या अन्य हायर एजेंसी से कराने की मांग की गयी है. देखिये फोटो -
इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच, SIT या अन्य एजेंसी से कराने की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील ने फरीदाबाद में साक्षी सैनी की कोर्ट में भी याचिका डाली है और पुलिस वालों की ऐसी ऐसी गलतियों की तरफ इशारा किया है कि जो आने वाले समय में बड़े बड़े पुलिस अधिकारियों को भी कटघरे में खड़ा कर देंगे. ये रही याचिका की कॉपी.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील का कहना है कि आरोपियों को बचाने में पूरी तरह से पुलिस तंत्र मिला हुआ है, लेकिन पुलिस ने एक गलती छुपाने के लिए कई गलतियाँ कर दी हैं जो एक तरह से गैंगरेप का सबूत भी है, किसी भी मामले में अगर पुलिस आरोपियों को बचाने के लिए सबूतों से छेड़छाड़ करने या सबूत मिटाने की कोशिश करती है तो इसे आरोपियों के खिलाफ सबूत माना जाता है.
सुप्रीम कोर्ट के वकील का कहना है कि इस मामले में कई पुलिसकर्मियों की फोन रिकॉर्ड हैं जो मामले को सच साबित करते हैं. आने वाले समय में हर चीज का खुलासा किया जाएगा और मामले की जांच CBI से करवाई जाएगी ताकि आरोपियों और उन्हें बचाने वाले पुलिस अधिकारियों को सजा दिलाई जा सके.
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