Followers

अस्पताल के नाम पर डब्बा है ESI, 7 दिन के बच्चे को भेजा पार्क अस्पताल, उसने लेने से किया इनकार

Faridabad ESIC Hospital and Medical Collage exposed. Khattar Sarkar Modi Sarkar health system exposed. BJP Sarkar ESI Health System very bad
faridabad-esi-hospital-medical-college-is-dabba-not-treat-serious-patient

फरीदाबाद, 2 अक्टूबर: फरीदाबाद 3 नंबर में ESI हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज नाम से बहुत बड़ा अस्पताल है, बड़ी बड़ी इमारतें हैं जिन्हें बनाने में अरबों रुपये खर्च हुए हैं, ये पैसे गरीब मजदूरों की सैलरी से काटे जाते हैं ताकि गरीब मजदूरों को अच्छा इलाज मिल सके.

लेकिन फरीदाबाद का ईएसआई हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नाम पर सिर्फ डब्बा है, अगर यकीन ना आये तो किसी दिन रात में जाकर देख लीजिये, एक या दो डॉक्टर रहते हैं और उन्हें सिर्फ सर्दी बुखार ठीक करना आता है.

आज 7 दिन के बच्चे को ESI हॉस्पिटल में सीरियस हालत में ले जाया गया लेकिन वहां पर कामचलाऊ डॉक्टर थे, बच्चे को देखते ही उन्होंने पार्क हॉस्पिटल रेफर कर दिया, उससे पहले पार्क हॉस्पिटल वालों से बात की गयी और उन्होंने लाने को बोला लेकिन जब बच्चे को वहां ले जाया गया तो पार्क हॉस्पिटल ने एडमिट करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उनके पास सर्जन नहीं हैं.

इसके बाद बच्चे के माँ-बाप उसे वापस ESI ले आये. ESI के डॉक्टरों ने कहा कि हम सिर्फ सफदरजंग रिफर कर सकते हैं, बच्चे के गरीब माँ बाप मजबूर थे, उन्होंने एशियन या फरीदाबाद के किसी अन्य हॉस्पिटल में रेफर करने की मांग की लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों से इनकार कर दिया.

इसके बाद डॉक्टरों से बच्चे को सफदरजंग रेफर कर दिया और बच्चे के माँ बाप उसे सफदरजंग ले गए. अब सवाल यह उठता है कि क्या ESI के मजदूरों के बच्चों का फरीदाबाद में इलाज ही नहीं है. हर महीनें उनकी मेहनत की कमाई से 500-600 रुपये कटते हैं लेकिन इलाज के नाम पर उन्हें सिर्फ धक्के खिलाये जाते हैं.

ESI में इलाज कराने वाले कर्मचारी बताते हैं कि ESI के अस्पताल में उनका इलाज नहीं होता सिर्फ दवाएं दी जाती हैं जिसे खाकर वह पहले से भी ज्यादा बीमार हो जाते हैं, जैसे ही मरीज ESI अस्पताल या डिस्पेंसरी में जाता है, बिना उसकी जांच किये हप्ते दस दिन की दवाई दे दी जाती है, दवा खा खाकर लोग और बीमार हो जाते हैं और जब बाहर के डॉक्टर के पास जाते हैं और शारीरिक टेस्ट करवाते हैं तब उनकी बीमारी का पता चलता है, उनका पैसा भी खर्च होता है और समय भी. ऐसे में सवाल यह उठता है कि सरकार गरीबों के पैसे क्यों काट रही है जब इलाज की सुविधा नहीं दे पा रही है.
सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करें

Faridabad News

Hospital

Post A Comment:

0 comments: