फरीदाबाद, 10 सितम्बर: कुछ दिनों पहले पावटा गाँव के लोगों ने मंत्री कृष्णपाल गुर्जर पर शमशान घाट तुड़वाने का आरोप लगाया था जिसके बाद पूरे जिले में हडकंप मच गया था. आज हमने इस मामले की सच्चाई लाने के लिए पाखल गाँव का दौरा किया और वहां के सरपंच, पञ्च और अन्य वरिष्ठ नागरिकों का बयान लिया.
इस मौके पर जुटे सैकड़ों गाँव वालों ने बताया कि यह शमशान घाट हमारे गाँव पाखल में ही बना है जिसका इस्तेमाल पावटा गाँव के लोग कर रहे हैं, गाँव के विकास के लिए हमने अपनी जमीन खाली करवाने के लिए प्रशासन से मांग की थी जिसपर सुनवाई करते हुए डीसी के आदेश से शमशान घाट तोड़ा गया है, इसमें मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का कोई रोल नहीं है, उनका इस मामले से कोई लेना देना ही नहीं है.
गाँव वालों ने बताया कि 20 वर्ष पहले खेडी गुजरान और पाखल ग्राम पंचायत एक ही थी, उस समय के सरपंच ने यह जमीन शमशान घाट के लिए दी थी, बाद में पाखल ग्राम पंचायत अलग हुई तो यह जमीन पाखल में आ गयी, उसके बाद भी पावटा गाँव के लोग इस शमशान घाट का इस्तेमाल करते रहे लेकिन अब हमने आपसी सहमति से गाँव के विकास के लिए यह शमशान घाट खाली कराने का फैसला किया है.
लोगों ने बताया कि तीन महीनें पहले हमारा राजीनामा हो गया है, पावटा गाँव के लोग भी शमशान घाट शिफ्ट करने के लिए तैयार हो गए थे, हमने अपने ही गाँव में 1000 गज का शमशान घाट दिया, उसकी बाउंडरी बनवाने में कई लाख रुपये खर्च किये लेकिन पावटा गाँव के कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए गाँव वालों को गुमराह कर दिया और उनकी भावनाओं को भड़का दिया, इसके अलावा वे लोग कोर्ट चले गए और शमशान घाट तोड़ने के खिलाफ स्टे लेना चाहा लेकिन कोर्ट ने उन्हें स्टे नहीं दिया और प्रशासन के आदेश पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में शमशान घाट तोडा गया.
पाखल गाँव वालों ने कहा कि पावटा गाँव वालों को अपनी जमीन में शमशान घाट बनवाना चाहिए ताकि आगे का झंझट ख़त्म हो, अगर उनके पास जमीन नहीं है तो हम उन्हें जमीन भी दे रहे हैं, बाउंडरी भी बनवा चुके हैं, कुछ और मदद चाहिए तो उसके लिए भी तैयार हैं, बस गाँव में भाईचारा और अमन शान्ति बनी रहनी चाहिए, शमशान घाट तोड़े जाने का हमें भी दुःख है लेकिन गाँव के विकास के लिए कुछ ना कुछ कुर्बानी देनी पड़ती है.
पाखल गाँव वालों ने कहा कि हम भाईचारा चाहते हैं, पावटा गाँव के लोग पहले शमशान घाट शिफ्ट करने के लिए राजी हुई थे लेकिन अब उनकी भावनाओं को भड़काकर दोनों गाँवों के बीच रिश्ते बिगाड़े जा रहे हैं, इस बात को पावटा गाँव वालों को समझना चाहिए.
पाखल गाँव वालों ने कहा कि हम भाईचारा चाहते हैं, पावटा गाँव के लोग पहले शमशान घाट शिफ्ट करने के लिए राजी हुई थे लेकिन अब उनकी भावनाओं को भड़काकर दोनों गाँवों के बीच रिश्ते बिगाड़े जा रहे हैं, इस बात को पावटा गाँव वालों को समझना चाहिए.
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