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दूसरी औरत के चक्कर में पति ने तोड़ दी वकील आसमा वाजिब की हड्डियाँ, पुलिस ने हटा दी धारा-307

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फरीदाबाद, 8 सितम्बर: फरीदाबाद की एक महिला ने पुलिस पर बड़े आरोप लगाए हैं। सेक्टर-64 निवासी असमा वाजिब जो एक वकील हैं और साकेत कोर्ट दिल्ली में प्रैक्टिस करतीं थीं और लगभग एक माह से बिस्तर पर पडी हैं और बिना किसी सहारे के बिस्तर से नहीं उठ सकतीं हैं। 

आसमा वाजिब का आरोप है कि उनके पति ने पुलिस से मिलीभगत करके उनकी जिंदगी बरबाद कर दी है। सेक्टर-64 में रहने वाली एडवोकेट आसमा का आरोप है कि विवाह के चार माह बाद 3 अगस्त की रात उनके पति और ससुराल वालों ने मिलकर उन्हें दूसरी मंजिल की छत से नीचे फेंक दिया। 

आसमा का आरोप है कि दहेज में 25 लाख रुपये नहीं मिलने और विवाहोत्तर संबंध में बाधा बनने के कारण पति और ससुरालियों ने जान से मारने की नीयत से उन्हें छत से नीचे फेंका था। एसजीएम नगर पुलिस ने इस मामले में उनके साथ इन्साफ नहीं किया है और मामले में लगी धारा 307 हटा दी गई, कई आरोपियों के नाम काट दिए गए जिस कारण उनके पति को कोर्ट से फटाफट जमानत मिल गई। 

आसमा वाजिब की शादी की डिटेल

असमा वाजिब के मुताबिक़ उन्होंने 21 अप्रैल 2018 को चंदैनी, नूह निवासी युवक से निकाह किया था। दहेज में दस लाख रुपये नकद देने के साथ विवाह में 25 लाख रुपये से अधिक खर्च किया था। विवाह के बाद पता चला कि दामाद का एसजीएम नगर थाना क्षेत्र में रहने वाली एक युवती से अवैध संबंध है। आरोप है कि असमा ने इसका विरोध किया तो पति ने उसे पीटा और उसकी महिला दोस्त ने जान से मरवाने की धमकी दी। आरोप है कि महिला दोस्त के लिए फ्लैट खरीदने के लिए पति ने असमा पर मायके से 25 लाख रुपये मांगने का दबाव बनाया। पीड़िता ने असहमति जताई तो 3 अगस्त की रात घर की तीसरी मंजिल स्थित छत पर ले जाकर पति और दो ससुरालियों ने उसे जान से मारने की नीयत से नीचे फेंक दिया। 

अस्पताल में भर्ती करके भाग गए ससुराल वाले

आरोप है कि उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराने के बाद पति और ससुराली छोड़ कर चले गए। परिजनों को सूचना मिली तो उन्होंने पीड़िता को एनआईटी पांच स्थित अस्पताल में भर्ती कराया, पीड़िता के शरीर में कई फ्रेक्चर हो गए। इस मामले के काफी दिनों तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया और अचानक एक दिन पुलिस का फोन आया कि हमने उसे गिरफ्तार कर लिया है और गिरफ्तार कर उसे अचानक कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट में पेस करते वक्त पुलिस ने उनके परिजनों को सूचना दी और उनके परिजन उस समय जल्द कोर्ट नहीं पहुँच सकते थे न जल्द अपना वकील कर सकते थे। आसमा का कहना है कि मैं बिस्तर पर हूँ और मेरे पैर अब भी काम नहीं कर रहे हैं जबकि पुलिस ने ये सब नहीं देखा और धारा 307 हटा दी गई।

धारा 307 हटाकर पुलिस ने करवा दी आरोपियों की जमानत

आसमा ने बताया कि उनके ससुरालियों ने कोर्ट में बताया कि मैं जीने पर से गिर गई थी जो सरासर झूंठ है और धारा 307 हटाने के लिए झूठी कहानी गढ़ी गई है। आसमा ने बताया कि हाल में मैं सीपी से मिलने गई थी तो मुझे उनसे मिलने नहीं दिया गया जबकि मैं स्ट्रेचर पर थी। उन्होंने कहा कि कुछ पुलिस अधिकारी मामले की लीपापोती कर रहे हैं इसलिए मुझे सीपी से नहीं मिलने दिया गया और अब कहा जा रहा है मामले कि दुबारा जांच होगी। आसमा ने बताया कि मैं एक वकील हूँ और मैं आरोपियों को किसी भी हालत में नहीं छोडूंगी इसलके लिए मुझे पीएम, राष्ट्रपति, सीएम किसी के पास भी जाना पड़े तो जाऊँगी। 

आसमा ने कहा कि अभी तो मैं बिस्तर पर हूँ, लेकिन मैं बिस्तर पर पडी रहकर भूख हड़ताल करना शुरू कर दूंगी क्योंकि इन्साफ के लिए मेरे परिजन पुलिस का चक्कर लगाते लगाते थक चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं एक वकील होकर इतना बड़ा जुल्म सह लूंगी तो मैं किसी और पीड़िता को कैसे इन्साफ दिला सकूंगी। उन्होंने कहा कि मेरा पति कहता है कि मैंने दूसरी शादी कर ली है जबकि मुझे अभी तक तलाक नहीं दिया गया है। 

उन्होंने कहा कि मेरे पति ने दूसरी औरत के कारण मेरी जिंदगी तबाह कर दी और मुझे तलाक़ दिए बगैर उससे शादी कर ली. जब तक मुझे इन्साफ नहीं मिलता तब तक मैं लड़ाई जारी रखूँगी। उनका कहना है पुलिस ने जो धाराएं बाद में हटा दीं उसे जोड़ी जाएँ और जिनका नाम निकाला गया है सबका नाम जोड़ा जाए वरना मैं जल्द बिस्तर पर से ही आमरण अनशन शुरू करूंगी। क्योंकि मैं फिलहाल अपने पैरों पर नहीं खड़ी हो सकती हूँ। उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने कर्ज लेकर मेरी शादी की थी जिसका कर्ज वो अब भी नहीं भर सके हैं और इसी बीच मेरे पति ने दूसरी औरत के लिए मुझे छत से फेंक मेरी जिंदगी नरक बना दी और मेरे पिता को खून के आंसू रुला रहे हैं जिसे अब मैं नहीं सह सकती।
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