फरीदाबाद, 24 सितम्बर: अशोक मर्डर केस में पीड़ित परिजन अभी तक न्याय के इन्तजार में इधर उधर भटक रहे हैं, परिजनों के अनुसार अभी तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है, हेमराज ने सेटिंग करके अपना नाम FIR से निकलवा दिया जबकि उसी ने हथियारों की सप्लाई की थी, इसी तरह से एक दो अन्य आरोपी भी खुलेआम घूम रहे हैं और पीड़ित परिवार को धमका रहे हैं.
इस मामले में पीड़ित लोग DGP से मिले जिनके आदेश पर फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर अमिताभ सिंह ढिल्लों ने SIT का गठन किया है. SIT की अध्यक्षता DCP NIT कर रहे हैं, इसमें ACP यशपाल खटाना, इंस्पेक्टर संदीप मोर, और दो अन्य सदस्य हैं. SIT का गठन हुए 15 दिन से ऊपर हो चुके हैं.
परिजनों को उम्मीद थी कि SIT जल्द से जल्द हेमराज सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करके उनके साथ न्याय करेगी लेकिन SIT ने अभी तक कोई एक्शन नहीं दिखाया है जिसकी वजह से परिजन निराश हैं.
अशोक मर्डर केस की डिटेल
10 मई 2018 को खेड़ी गाँव में अशोक सिंह (उम्र 23 वर्ष, पुत्र धर्मपाल सिंह) की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी, दो युवक बाइक पर सवार होकर आये और अशोक सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, उसे गंभीर हालत में मेट्रो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया लेकिन उसकी जान नहीं बची.
इस मामले में पीड़ित लोग DGP से मिले जिनके आदेश पर फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर अमिताभ सिंह ढिल्लों ने SIT का गठन किया है. SIT की अध्यक्षता DCP NIT कर रहे हैं, इसमें ACP यशपाल खटाना, इंस्पेक्टर संदीप मोर, और दो अन्य सदस्य हैं. SIT का गठन हुए 15 दिन से ऊपर हो चुके हैं.
परिजनों को उम्मीद थी कि SIT जल्द से जल्द हेमराज सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करके उनके साथ न्याय करेगी लेकिन SIT ने अभी तक कोई एक्शन नहीं दिखाया है जिसकी वजह से परिजन निराश हैं.
अशोक मर्डर केस की डिटेल
10 मई 2018 को खेड़ी गाँव में अशोक सिंह (उम्र 23 वर्ष, पुत्र धर्मपाल सिंह) की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी, दो युवक बाइक पर सवार होकर आये और अशोक सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, उसे गंभीर हालत में मेट्रो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया लेकिन उसकी जान नहीं बची.
यह मामला भूपानी थाने में दर्ज हुआ था जिसे बाद में डीएलएफ क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया. DLF क्राइम ब्रांच ने इस मामले में उमेश और गौरव को गिरफ्तार किया था.
इस मामले में हेमराज का भी नाम था लेकिन उसनें अपनी पहुँच का इस्तेमाल करते हुए मामला स्टेट क्राइम में ट्रान्सफर करवाया ताकि इसे लटकाया जा सके, लेकिन जब परिजनों ने DGP से मुलाकात की तो जांच के लिए SIT गठन करने का आदेश दिया.
देखें कुछ दिन पहले का VIDEO
इस मामले में हेमराज का भी नाम था लेकिन उसनें अपनी पहुँच का इस्तेमाल करते हुए मामला स्टेट क्राइम में ट्रान्सफर करवाया ताकि इसे लटकाया जा सके, लेकिन जब परिजनों ने DGP से मुलाकात की तो जांच के लिए SIT गठन करने का आदेश दिया.
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