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बिजली घोटाला: अभय चौटाला ने खट्टर सरकार को बताया हुड्डा सरकार से भी बड़ी घोटालेबाज

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चंडीगढ़, 28 सितम्बर: नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला व फरीदाबाद के RTI कार्यकर्ता वरुण श्योकंद ने चंडीगढ में पत्रकारों को डीएचबीवीएन के घोटालों को लेकर संबोधित किया। पत्रकारों को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला खट्टर सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि मेरा गांव जगमग गांव, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना व इंटीग्रेटेड पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में हजारों करोड़ का घोटाला हुआ है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जिन योजनाओं का ढिंढोरा पीटती है सबसे ज्यादा घोटाला उन्ही में पाया जाता है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के सात जिलों में केबल तार लगाई गई जो गुणवत्ता के मानकों पर पूरी नहीं पाई गई और टूट-टूट कर गिर रही है। उन्होंने कहा कि जो सैंपल फेल पाए गए हैं उसकी 42 करोड रुपए की रिकवरी  राशि ठेकेदारों पर डाल दी है तथा विभाग के 7 कर्मचारियों को चार्जशीट कर दिया है। 

उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन ऐसा करके अपने कुकर्मों पर पर्दा नही डाल सकते। उन्हें घोटाले में संलिप्त अधिकारियों व कंपनियों पर तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए साथ ही गुरुग्राम, फरीदाबाद व उतरी हरियाणा बिजली वितरण निगम में भी वही कंपनियां और ठेकेदार शामिल हैं और  विभाग ने भी डायरेक्ट इन्ही कंपनियों से केबल खरीदी है उनपर भी तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए। 

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार व प्रशासन की मिलीभगत की वजह से इनकी अभी तक जांच नही हो पाई है। उन्होंने पत्रकारों को घोटाले के दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि हम सबूतों के आधार पर खट्टर सरकार के घोटालों को उजागर कर रहे हैं उन्होंने कहा कि सभी दस्तावेज हस्ताक्षरित हैं व वरुण श्योकंद ने आर.टी.आई. के द्वारा प्राप्त किये गए हैं।  साथ ही उन्होंने हुड्डा सरकार को भी आढ़े हाथों लेते हुए कहा उनके शासनकाल में भी बिजली विभाग का 253 करोड़ का पिलर घोटाला सामने आया था जिनके सभी आरोपियों को बहाल कर दिया गया व वापिस वहीं पर नौकरी पर रख लिया गया। भाजपा के शासनकाल में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, महिलाएं सुरक्षित नही हैं, रोजगार नही है तथा किसान बीमा योजना सिर्फ एक ढकोसला है, किसान व मजदूर वर्ग दुखी है।

आरटीआई कार्यकर्ता वरुण श्योकंद ने कहा कि सभी दोषियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए तथा विभाग ने जो केबल सीधा कंपनियों से खरीदी है जो कि साढे चार सौ करोड़ से ज्यादा की है उसकी भी एक निष्पक्ष एजेंसी से जांच करवाई जाए ना कि विभाग के अफसरों से जो कि खुद लिप्त हैं। श्योकंद ने कहा कि ट्रांसफार्मर व अन्य सामान की भी जांच होनी चाहिए अगर जल्द सरकार ने ऐसा नहीं किया तो इस बार प्रेस कॉन्फ्रेंस दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर की जाएगी।
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