फरीदाबाद 5 अगस्त। पहले अपराधी अमीर परिवार के बच्चों का अपहरण करके उनके परिवार को ब्लैकमेल करके लाखों रुपये लूटते थे लेकिन अब लूटने का तरीका बदल गया है, अब बड़े बड़े लोग प्राइवेट स्कूल खोलकर बच्चों के परिवार वालों को लूट रहे हैं. प्राइवेट स्कूल वाले हर माँ-बाप को ऊंचे ऊंचे ख्वाब दिखाकर अपने यहाँ दाखिला करवाते हैं, माँ-बाप भी प्राइवेट स्कूलों के झांसे में आकर फंस जाते हैं और अपने बच्चों का ऊंची ऊंची इमारतों वाले प्राइवेट स्कूलों में दाखिला करवाते हैं और उसके बाद लूट शुरू हो जाती है.
प्राइवेट स्कूल वाले पहले एडमिशन और ड्रेस देने के नाम पर मोटी फीस वसूल लेते हैं, उसके बाद मंहगी मंहगी किताबों-कॉपियों में लूटते हैं और जब दो चार महीनें बीत जाते हैं तो एकाएक फीस बढ़ा देते हैं.
माँ-बाप सोचते हैं कि अब हमने बच्चे का एडमिशन करा दिया, मोटा पैसा दे दिया, ड्रेस खरीद ली, बैग खरीद लिया, किताबें खरीद लीं, बसें भी लगवा लीं, हर चीज की व्यवस्था कर दी, अब अगर हम किसी और स्कूल में जाएंगे तो हमें फिर से वही खर्चा करना पड़ेगा, यही सोचकर माँ-बाप प्राइवेट स्कूल के हाथों ब्लैकमेल होने लगते हैं और उन्हें मुंहमांगी फीस देते रहते हैं, बहुत कम लोग होते हैं जो अपने बच्चों का किसी और स्कूल में दाखिला करवाते हैं.
फरीदाबाद में प्राइवेट स्कूल जमकर लूटखोरी कर रहे हैं. कल दो बड़े स्कूलों के खिलाफ FIR हुई है, कई अन्य पर भी कार्यवाही हो सकती है लेकिन प्रशासन कितनी भी कार्यवाही कर ले लेकिन कुछ दिनों बाद प्राइवेट स्कूल फिर से लूटना शुरू कर देते हैं.
आज एक और खुलासा हुआ है, बच्चों के अभिभावकों से लूटे हुए पैसों को सरकार की नजर से बचाने के लिए प्राइवेट स्कूल तरह तरह के तिकड़म अपनाते हैं. ये सरकार को अपनी कमाई कम दिखाते हैं, आय-व्यय के खर्चे वाले कॉलम में ऐसे नाजायज मद पर खर्चा दिखाया गया है जो नियमों के अनुसार दिखाया नहीं जा सकता। फरीदाबाद में कई वर्षों से ऐसा हो रहा है और ऐसा करने में लगभग सभी बड़े प्राइवेट स्कूल शामिल हैं.
यह खुलासा चेयरमैन फीस एंड फंड रेगुलर कमेटी गुड़गांव के आदेश पर फरीदाबाद के 16 स्कूलों की की गई ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है. हरियाणा अभिभावक मंच की ओर से मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने एफएफआरसी गुड़गांव ऑफिस में आरटीआई लगाकर फरीदाबाद के 16 स्कूल डीएवी सेक्टर 14, गैन्ड कोलम्बस सेक्टर 16, एमवीएन 17 व अरावली हिल्स, एपीजे 15, डीपीएस सेक्टर 19 व ग्रेटर फरीदाबाद, मानव रचना सैक्टर 14 व चार्मवुड, रयान 21, विद्या मन्दिर सेक्टर 15, द्रोणाचार्य, आईष्य 46, जीवा 21, मार्डन 17 की आडिट रिर्पाट की कॉपी मांगी थी जो राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर करने के बाद प्राप्त हुई।
मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट शिव कुमार जोषी व सचिव डा0 मनोज शर्मा ने बताया है कि मंच के लीगल सेल ने ऑडिट रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद यह पाया कि ऑडिटर एसएस शर्मा एंड एसोसिएट ने डीएवी 14 व ग्रैंड कोलम्बस सेक्टर-16 सहित सभी स्कूलों की ऑडिट रिपोर्ट में लिखा है कि ज्यादातर स्कूलों ने निर्धारित अवधि, प्रत्येक साल की 31 दिसंबर के बाद फार्म-6 जमा कराया है जो सरासर गलत है, जो स्कूल निर्धारित अवधि में फार्म-6 जमा नहीं कराते हैं वे आगामी सत्र में फीस बड़ा ही नहीं सकते हैं, दूसरा स्कूल प्रबंधक अप्रैल में शुरू होने वाले सत्र के लिए किए जाने वाले नए दाखिले में एडवांस के रुप में कोई फीस नहीं ले सकते हैं, जो उसको प्रबंधकों ने ली है।
लूट का एक और तरीका अपनाते हैं प्राइवेट स्कूल
कई स्कूल प्रबंधको ने तो दो-दो नाम से रसीद बुक बनाकर उनसे अलग-अलग पैसा वसूला गया है। इसके अलावा शिक्षा सत्र 2012-13, 2013-14, 2015-16 में आय-व्यय में काफी अंतर मिला है। कई स्कूलों के चैयरमेन व उनकी पत्नी ने खर्चे मे मासिक 5-5 लाख तनख्वाह डाली हुई है। जो सोसाईटी ऐक्ट के नियम के खिलाफ है।
मंच का लीगल सेल प्राप्त आडिट रिर्पाट का काफी बारीकी से अध्ययन कर रहा है और उसमें दिखाई गई कमियों को आधार बनाकर शीघ्र ही अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा हरियाणा सरकार के पास एक याचिका डाली जाएगी और उनसे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जाएगी, अगर वहां पर कोई उचित कार्यवाही नहीं हुई तो फिर पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी।
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