फरीदाबाद: नीमका गाँव के सरपंच केशराम ने हमारी खबर पर अपना बयान देते हुए कहा कि कुछ लोग हमें बदनाम करने की साजिश रहे हैं, ऐसे लोग खुद पंचायत की जमीन दबाए बैठे हैं और हमपर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हमारे घर छापे और बस्ता सीज होने की बात बिलकुल गलत है, हाँ रिकॉर्ड जरूर मंगाए गए हैं लेकिन ऐसा हर वर्ष किया जाता है और यह सभी पंचायतों में होता है. पंचायत फंड का हिसाब किताब लेना विजिलेंस टीम का काम है.
उन्होंने कहा कि हम पर 12 करोड़ रुपये के करप्शन के आरोप लगाए जा रहे हैं जो पूरी तरह से गलत है. हमने 4-5 करोड़ रुपये का विकास का कार्य करवाया है. 12 करोड़ का सिर्फ प्लान बनाया गया है, प्लान बनाने से क्या करप्शन हो जाता है.
उन्होंने कहा हम मेहनत से काम करते हैं और पंचायत फंड का उचित इस्तेमाल करते हैं. हम पर भ्रष्टाचार के आरोप पूरी तरह से गलत हैं. हमारे विकास कार्यों से सम्बंधित निर्माण सामाग्री के जो सैंपल लिए गए थे वे भी सही पाए गए हैं. हमारे काम में कोई गड़बड़ी नहीं पायी गयी है.
नीमका गाँव के सरपंच के बेटे रामेश ने कहा कि हमारे ईमानदार पिताजी को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है लेकिन ऐसा करने वाले अपने मकसद में कामयाब नहीं होंगे. हम ऐसे लोगों का पर्दाफाश करेगें.
बता दें कि नीमका गाँव के गज्जी (जिसकी पत्नी सीमा पंचायत की सदस्य हैं), विजय, हरिचंद, नीरज उन्होंने हमें सूचना भेजी थी कि सरपंच के यहाँ छापा पड़ा है और उनका बस्ता सीज हो गया है, सरपंच पर 12 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया गया था लेकिन जब इस मामले में सरपंच से बात की गयी तो मामला कुछ और निकला, सरपंच ने बताया कि ना तो छापा पड़ा है, ना बस्ता सीज हुआ है और ना ही खाता सीज है, रही बात 12 करोड़ रुपये के करप्शन का तो जब हमनें सिर्फ 5 करोड़ रुपये तक का विकास कार्य करवाया है तो 12 करोड़ का करप्शन कैसी कर सकते हैं.
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